क्या सरकारी बैंकों के बाद अब रेलवे निजीकरण की राह पर?


railways on track to get private players on track

 

सरकारी बैंक के बाद अब रेलवे भी निजीकरण की राह पर बढ़ सकता है. ये बात एक कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के एक सदस्य ने कही है. उनके मुताबिक, अभी रेलवे को निजी ऑपरेटरों के हाथ में देने पर विचार किया जा रहा है.

हालांकि रेलवे में निजीकरण का यह खाका बहुत पहले से तैयार होना शुरू हो गया था.

अगर ऐसा हुआ तो अब रेलवे बोर्ड, यात्री ट्रेन और मालगाड़ी परिचालन दोनों को निजी ऑपरेटरों के हाथ में दे देगा.

रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) गिरीश पिल्लई ने परिवहन अनुसंधान एवं प्रबंधन केंद्र (सीटीआरएम) के एक कार्यक्रम में कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अभी इस मामले पर विचार कर रहे हैं.

पिल्लई ने कहा, ‘‘दुनिया भर में ट्रेनों के परिचालन में कई बदलाव हुए हैं. और मेरा मानना है कि यह ऐसा समय है कि भारत को यात्री ट्रेनों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने के विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए.’’

गिरीश पिल्लई ने यह भी कहा कि माल ढुलाई के क्षेत्र को यात्री सेवाओं से अलग करने की जरूरत है.

मामला सिर्फ इतना ही नहीं हे कि ट्रेनों का परिचालन निजी हाथों में चला जाएगा बल्कि उन्हें किराया तय करने और टर्मिनल का निर्माण करने की भी इजाजत दी जा सकती है


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