उत्तर प्रदेश, बिहार सहित देश के कई हिस्सों में बारिश का कहर, 148 की मौत


Rain continue across the country including Uttar Pradesh, Bihar, 148

 

पिछले कई दिन से हो रही बारिश के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं देश भर में 30 सितंबर तक वर्षा जनित हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या 148 पर पहुंच गई हैं.  पिछले सप्ताह से अब तक उत्तर प्रदेश में 111 और बिहार में 28 लोगों की मौत हुई है.

बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की बैठक हुई. राहत और बचाव के लिए बिहार में 22 एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. इनमें से छह टीम पटना में अपनी सेवा दे रही हैं. इसके साथ ही वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर को राहत और बचाव अभियान में लगाया गया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बारिश के बाद उपजे हालात को प्राकृतिक आपदा बताते हुए कह चुके हैं कि “ये स्थिति किसी के हाथ में नहीं होती, प्राकृतिक है.”

वहीं, मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना में इस मॉनसून में एक जून से 30 सितम्बर तक 404.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जबकि 30 वर्ष का औसत 648.9 मिलीमीटर है. इस तरह से इस वर्ष 38 प्रतिशत कम वर्षा हुई.

मौसम विभाग ने मॉनसून की देर से वापसी और पटना में और बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. हालांकि 30 सितंबर की शाम से  पटना में बारिश नहीं हुई है. लेकिन अब भी जलजमाव बना हुआ है. पिछले तीन-चार  दिन से भारी बारिश के कारण अनेक इलाके पानी में डूबे हुए हैं.

मॉनसून 30 सितंबर को आधिकारिक रूप से तो समाप्त

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मॉनसून में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई. मौसम विभाग ने इसे ‘सामान्य से अधिक’ बताया.  मॉनसून 30 सितंबर को आधिकारिक रूप से तो समाप्त हो गया लेकिन यह देश के कुछ हिस्सों के ऊपर अभी भी सक्रिय है.

मौसम विभाग के 36 उपमंडलों में से दो पश्चिम मध्य प्रदेश और सौराष्ट्र एवं कच्छ में ‘‘काफी अधिक’’ वर्षा दर्ज की गई.

बिहार में बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.

बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि राज्य सरकार ने वायुसेना से पानी में डूबे स्थानों में खाने के पैकेट तथा अन्य सामग्रियां गिराने के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजने का आग्रह किया है.

30 सितंबर को दोपहर में तीन और लोगों के बारिश की वजह से मरने की खबर आई है. इनमें से एक व्यक्ति की मौत नवादा और दो लोगों की मौत जहानाबाद जिले में हुई.

30 सितंबर की सुबह में बारिश थमी थी. लेकिन मौसम विभाग ने बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है.

दिल्ली-एनसीआर में सूखा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो वर्षों के दौरान अधिक वर्षा दर्ज की गई थी. दिल्ली में 2018 में 770.6 मिलीमीटर और 2017 में 672.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई.

इस वर्ष जून में दिल्ली में मात्र 11.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जबकि सामान्य 65.5 मिलीमीटर है. इस तरह से जून में 83 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई. जुलाई महीने में यहां 24 प्रतिशत कम वर्षा हुई दिल्ली में अबतक मात्र 210.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई.

बलिया जेल में पानी भरा

उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से कई स्थानों पर जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है.

बलिया के समूचे जिला कारागार परिसर में कमर तक पानी भर जाने के कारण कम से कम 900 कैदियों को दूसरे जिलों की जेलों में भेजना पड़ा.

दुमका में दीवार गिरने से तीन की मौत

झारखंड के दुमका जिले में बारिश के कारण दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई.

इन राज्यों के अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 13 लोगों के मारे जाने की सूचना है. गुजरात में राजकोट जिले में एक कार के पानी में बह जाने से कार सवार तीन महिलाओं की मौत हो गई. सौराष्ट्र के अनेक हिस्सों में बारिश हो रही है.

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का आवास भी बारिश से प्रभावित हुआ है. वह शहर में अधिकारियों को निर्देश देते नजर आए.

मॉनसून इस वर्ष सामान्य से एक सप्ताह की देरी से आया था. मॉनसून ने आठ जून को केरल के ऊपर से शुरुआत की थी लेकिन जून में इसकी गति सुस्त हो गई थी और जून में 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी.

यद्यपि मॉनसून ने जुलाई में गति पकड़ी और सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई. अगस्त में भी सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई.


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