राजस्थान में पंचायतों के पुनर्गठन का काम शुरू
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में नई ग्राम पंचायतें बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसके तहत मौजूदा ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होगा तथा और कुछ नई पंचायतें अस्तित्व में आएंगी.
पंचायती राज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिला कलेक्टर अपने जिले में नई पंचायतों के गठन के प्रस्ताव तैयार करवाकर दो सितंबर तक विभाग को भेजेंगे.
इसकी प्रक्रिया इसी शनिवार से शुरू की गयी है. इसके तहत पहले जिला कलेक्टर प्रस्ताव तैयार करेंगे, उन पर आम जनता से आपत्ति मांगी जाएगी. यदि कोई आपत्ति आती है तो उस पर सुनवाई होगी और फिर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा.
इस पुनर्गठन का आधार 2011 की आबादी होगी और 4000 से 6500 की आबादी पर एक पंचायत बनेगी. वहीं किसी एक पंचायत समिति में पंचायतों की संख्या 25 ही रहेगी.
पिछली बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने पर 2014 में पंचायत समितियों का पुनर्गठन करवाया था. तब 2011 की जनगणना के आधार पर ही 5000 से 7500 की आबादी पर एक ग्राम पंचायत बनाई गयी थी. इस समय राज्य में कुल 33 जिला परिषद, 295 पंचायत समितियां और 9891 ग्राम पंचायतें हैं.
विभाग में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी बीडी कृपलानी के अनुसार जिला कलेक्टरों से प्रस्ताव मिलने के बाद राज्य सरकार फैसला करेगी कि कितनी नई ग्राम पंचायतें बननी चाहिए.
पंचायती राज विभाग अंतिम अधिसूचना जारी करेगा. वहीं जानकारों के अनुसार पुनर्गठन से राज्य में पंचायतों की संख्या में कुछ सौ की बढ़ोतरी हो सकती है. अधिकारियों के अनुसार एक ग्राम पंचायत में ज्यादा से ज्यादा आठ किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों को ही शामिल किया जाएगा.
राज्य में ग्राम पंचायतों के चुनाव अगले साल फरवरी माह में होने हैं. राज्य सरकार नगरपालिका सहित अन्य स्थानीय निकायों के पुर्नगठन की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है. इनके चुनाव इसी साल दिसंबर में होने हैं.