राजस्थान मानवाधिकार आयोगः ‘लिव इन रिलेशनशिप’ ठीक नहीं
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से ‘लिव इन रिलेशनशिप’ के खिलाफ कानून बनाने की अनुशंसा की है.
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश प्रकाश टाटिया और न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा की एक खंडपीठ ने 4 सितंबर को राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार से अनुशंसा की है कि इस मामले में कानून बनाए. आयोग ने केन्द्र सरकार से भी कानून बनाने का आग्रह किया है.
बताया जा रहा है कि आयोग के सामने ‘लिव इन रिलेशनशिप’ के कुछ मामले सामने आने के बाद कुछ महीने पहले सभी हितधारकों से ‘लिव इन रिलेशनशिप’ में रह रही महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाने के लिये सुझाव मांगे गए थे.
सभी हितधारकों के सुझावों और उनकी कानूनी राय के बाद आयोग ने पाया कि हर व्यक्ति को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार है जो कि भारतीय संविधान में मूल अधिकारों में शामिल है.