जुम्मे की नमाज के मद्देनजर कश्मीर में धारा 144 लागू


restrictions imposed in kashmir valley in view of jumme prayers

 

कश्मीर में जुम्मे की नमाज के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर घाटी के कुछ हिस्सों में फिर से प्रतिबंध लगाए गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि घाटी में लगातार 47वें दिन जनजीवन प्रभावित रहा. इस दौरान बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे.

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के कुछ इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि श्रीनगर के सौरा पुलिस थाने के अंचार इलाके और नौहट्टा एवं निकटवर्ती इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कुपवाड़ा और हंदवाड़ा पुलिस थानों और गांदरबल, अनंतनाग और बिजबेहाड़ा में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं.

वहीं घाटी के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे.

अधिकारियों ने बताया कि ऐसी आशंका है कि कुछ निहित स्वार्थ वाले लोग प्रदर्शन भड़काने के लिहाज से जुम्मे की नमाज के लिए एकत्र होने वाली भीड़ का फायदा उठा सकते हैं. इसके मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन प्रतिबंध लगाए गए हैं.

नौहट्टा में जामिया मस्जिद या हजरतबल में दरगाह शरीफ समेत घाटी में किसी भी बड़ी मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं है.

जम्मू कश्मीर में सबसे पहले पांच अगस्त को प्रतिबंध उस समय लगाए गए थे जब केंद्र ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था. समय के साथ स्थिति में सुधार आने के कारण घाटी के कई हिस्सों से चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटा लिए गए.

उन्होंने बताया कि सभी मंचों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. घाटी में लैंडलाइन नंबर काम कर रहे हैं. मोबाइल उपकरणों पर वॉयस कॉल की सुविधा उत्तर कश्मीर के केवल कुपवाड़ा और हिंदवाड़ा में उपलब्ध हैं.

राज्य सरकार के स्कूल खोलने के प्रयासों का कोई फायदा नहीं हुआ है क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के भय से उन्हें घर से बाहर नहीं भेज रहे हैं.

वहीं तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता अब भी हिरासत में या नजरबंद हैं.


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