सरकारी सर्वे के मुताबिक शहरी युवाओं में लगातार बढ़ रही है बेरोजगारी
शहरी युवाओं में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2018 की दिसंबर तिमाही में नौकरी की तलाश कर रहे एक तिहाई युवाओं के हाथ कुछ नहीं लगा है.
ये आंकड़े उन 10 लाख युवाओं के लिए बुरी खबर है, जो हर महीने नौकरी की तलाश करने वालों में जुड़ जाते हैं. इससे अर्थव्यवस्था में उत्साह की कमी भी साफ झलक रही है.
सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी लेबर सर्वे के मुताबिक 15-29 साल के उन युवाओं में जो नौकरी की तलाश में हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ती रही है. दिसंबर की तिमाही में ये बढ़कर 23.7 फीसदी पर जा पहुंची.
ये हालत तब है जबकि शहरी युवा 11 साल औपचारिक शिक्षा में खर्च करता है, जबकि ग्रामीण युवा इसके लिए 9.3 साल देता है.
पीएलएफएस नाम से इस सर्वे को शुरू करने का मकसद शहरी क्षेत्र में हर तीन महीने में और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में हर साल रोजगार की स्थिति जानना था.
इस सर्वे के मुताबिक नौकरी की तलाश कर रहा व्यक्ति किसी सप्ताह में एक घंटे का काम भी नहीं पाता है तो वह इसमें बेरोजगार के तौर पर शामिल किया जाता है. जबकि सामान्य तौर पर बेरोजगारी को मापने के लिए सर्वे वाले दिन से पहले के 365 दिनों को रेफरेंस के तौर पर लिया जाता है.
जब साल 2017-18 के लिए सामान्य तरीके से बेरोजगारी मापी गई तब पुरुषों में ये साल 2011-12 के 8.1 फीसदी के मुकाबले 2017-18 में 18.7 फीसदी तक पहुंच चुकी थी. जबकि महिलाओं में ये स्थिति 13.1 से 27.2 फीसदी थी.
दूसरी ओर साल 2017-18 में ही नौकरी की तलाश करने वाले लोगों में 36.9 फीसदी की गिरावट हुई. ज्यादातर गिरावट महिलाओं की संख्या में थी. इसकी वजह इनका उच्च शिक्षा की ओर चले जाना था. हालांकि युवाओं की बेरोजगारी उनकी लेबर फोर्स में उनकी हिस्सेदारी से कहीं ज्यादा चिंताजनक है.
ये आंकड़े रोजगार विहीन विकास की ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं. 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक भारत में 33 करोड़ से अधिक लोग युवा हैं. जो 2021 तक बढ़कर 36 करोड़ हो जाएंगे.
अगर बेरोजगारी के आंकड़ों पर राज्यवार नजर डालें तो इनमें सबसे ऊपर बिहार का नाम आता है. दिसंबर की तिमाही में बिहार में बेरोजगारी की दर 40.9 फीसदी थी. जबकि केरल में ये दर 37 फीसदी थी. वहीं ओडिसा में 35.7 थी. वहीं गुजरात में ये सबसे कम 9.6 फीसदी रही.
वहीं इसी सर्वे के मुताबिक इस दौरान कामकाजी युवाओं में पुरुषों का औसत वेतन 17,000 से 18,000 वहीं महिलाओं का औसत वेतन 14,000 से 15,000 के बीच रहा.