आरएसएस के पास कोई ऐसा नेता नहीं जिससे भारत के लोग जुड़ाव महसूस कर सकें: इरफान हबीब
इतिहासकार और लेखक एस इरफान हबीब ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरदार पटेल, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों को अपना रहा है क्योंकि उसके पास अपना कोई ऐसा नेता नहीं है जिससे भारत के लोग जुड़ाव महसूस कर सकें. हालांकि आरएसएस विचारकों की ओर से कहा गया कि कांग्रेस शासन में इन महान नेताओं की अनदेखी की गई.
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ” चाहे सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस हो या भगत सिंह इन प्रतीकों को संघ शुरू से स्वीकार कर रहा है. मुझे एक नाम बताइये जो उनके अपने थे और जिसके पीछे वे खड़े हुए.”
उन्होंने कहा, ”उनके पास कोई नहीं है जिसको लेकर वे जनता के बीच जाएं, ऐसा कोई नहीं जिनसे भारत के लोग जुड़ सकें.”
आरएसएस के विचारक देश रत्न निगम ने प्रतिवाद करते हुए कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकारों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन लोगों ने इन हस्तियों को नजरअंदाज किया तथा संघ ने यह सुनिश्चित किया कि इन दिग्गजों को भुलाया नहीं जाए.
निगम ने कहा, ”जिसे आप अपनाना कह रहे हें मैं उसे समुचित महत्व देना कहूंगा. कांग्रेस ने गत 70 साल में पटेल या सावरकर को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वे हकदार थे. आरएसएस ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वे राष्ट्रीय प्रतीक हैं और उन्हें भुलाया नहीं जाना चाहिए.
हाल में बीजेपी की महाराष्ट्र प्रदेश इकाई ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में हिन्दू राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी जिसपर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.