ईरान के साथ आया रूस, अमेरिका को अविवेकी बताया


US and Russia separated themselves from the INFF treaty

 

अमेरिका की नई पाबंदी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरान ने कहा कि वार्ता की पेशकश पर अमेरिका झूठ बोल रहा है और यह ट्रंप प्रशासन के साथ कूटनीति के अंत का संकेत है . इधर रूस ने भी अमेरिका के इस कदम को ‘अविवेकी’ करार दिया है और ईरान के साथ खड़े होने की बात कही है.

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह न सिर्फ पश्चिम एशिया को अस्थिर कर सकता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के पूरे तंत्र को कमजोर बना सकता है.”

रूस ने कहा, “ऐसा संदेश जा रहा है कि अमेरिका सारे रास्ते बंद कर रहा है.”

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, “रूस ईरान के अच्छे लोगों एवं उसकी सरकार के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.”

अमेरिका ने 24 जून को ईरान के शीर्ष नेता खामेनी और शीर्ष सैन्य प्रमुखों के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि वह विदेश मंत्री जवाद जरीफ पर भी प्रतिबंध लगाएगा .

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ सहित ईरान के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ नए अमेरिकी प्रतिबंध दिखाते हैं कि वाशिंगटन वार्ता की पेशकश पर ‘झूठ’ बोल रहा है.

टेलीविजन पर सीधे प्रसारित मंत्रियों के साथ बैठक में रूहानी ने कहा, ‘‘आप विदेश मंत्री पर पाबंदी लगाते हैं और वार्ता का भी आह्वान करते है? साफ है कि आप झूठ बोल रहे हैं.’’

उनके इस बयान के पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि वाशिंगटन ने सच्ची वार्ता के लिए दरवाजे खोले लेकिन इसके जवाब में ईरान ने गहरी चुप्पी अख्तियार कर रखी है.

रूहानी ने सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनी का नाम काली सूची में डालने के औचित्य पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह दिखाता है कि वाशिंगटन ‘भ्रमित’ है.

ईरान के इस्लामी क्रांति के बाद तेहरान में अमेरिकी दूतावास में बंधक संकट के कारण 1980 में ईरान और अमेरिका का राजनयिक संबंध टूट गया था.

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा ‘‘नई पाबंदी का मतलब है कि ट्रंप की हताश सरकार के साथ कूटनीति का रास्ता स्थायी तौर पर बंद हो गया है.’’


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