सबरीमला मंदिर में प्रवेश का ये क्रूर दंड मिला कनकदुर्गा को


sabrimala kanakdurga ousted by family

 

सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली 39 वर्षीय कनकदुर्गा को उनके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया है. कनकदुर्गा के ससुराल वालों ने उन्हें घर में घुसने से मना कर दिया जिस कारण उन्हें ‘वन स्टॉप सेंटर’ में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा.

इससे पहले भी उनकी सास ने उन्हें कथित रूप से पीटा था. जब सदियों पुरानी परंपरा तोड़कर दुर्गा ने एक और महिला बिंदु के साथ मंदिर में प्रवेश किया था. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. अब कनक दुर्गा ने पुलिस में ससुराल वालों के खिलाफ घर से निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 39 वर्षीय कनकदुर्गा ने यहां अदालत में घरेलू हिंसा कानून के तहत एक याचिका भी दायर की है और कहा है कि उन्हें अपने पति के घर में रहने का अधिकार है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कनकदुर्गा कोझिकोड चिकित्सकीय महाविद्यालय में उपचार के बाद छुट्टी होने पर अपने पति के घर गई थीं, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें घर के बाहर ताला लगा मिला.

कनकदुर्गा और बिंदु (40) ने 24 दिसंबर को मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी मगर श्रद्धालुओं के विरोध के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा. दोनों ने फैसला किया कि बिना दर्शन किए घर वापस नहीं जाएंगी. उन्हें पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई और आखिरकार 2 जनवरी को उन्होंने भगवान अय्यपा के दर्शन किए.

अयप्पा मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था जिसे उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में हटा दिया था. इसके बाद नागरिक आपूर्ति विभाग की कर्मी कनकदुर्गा और कॉलेज लेक्चरर बिंदु ने दो जनवरी को मंदिर में प्रवेश किया था. वे मंदिर में प्रवेश करने वाली रजस्वला आयु वर्ग की पहली महिलाएं हैं.

पेरिन्तलमन्ना सर्किल इंस्पेक्टर टीएस बीनू ने बताया कि कनकदुर्गा को शीर्ष अदालत के आदेशानुसार चौबीस घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. उनकी सुरक्षा के लिए कम से कम 10 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और वन स्टॉप सेंटर के बाहर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है.


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