नागरिकता संशोधन विधेयक पर मेघालय के सीएम ने दी एनडीए छोड़ने की चेतावनी
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टियों में मतभेद लगातार सतह पर आ रहा है. अब मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पास होने पर एनडीए छोड़ देने की चेतावनी दी है.
फिलहाल ये विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और इसकी अगली परीक्षा राज्यसभा के पटल पर होनी है.
नागरिकता संशोधन विधेयक पर नाराजगी जताते हुए संगमा ने कहा कि उनकी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के पास सारे विकल्प खुले हैं. बिल के पास होने पर वह एनडीए से अपनी पार्टी को अलग कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, “असल में एनपीपी विधेयक का विरोध करने वाली पहली पार्टी थी. बीते साल ही हमने कैबिनेट के जरिए इस विधेयक का विरोध किया था. जिस तरह से हमारे फैसले को केंद्र ने अनदेखा किया है वो बहुत ही गलत रवैया है.”
संगमा की पार्टी एनपीपी, एनडीए गठबंधन का शामिल है और बीजेपी की अगुआई वाली केंद्र सरकार का हिस्सा है.
इससे पहले एनडीए की एक और हिस्सेदार असम गण परिषद इसी मुद्दे पर सरकार का साथ छोड़ चुकी है.
इस विधेयक में छह समुदायों को अल्पसंख्यक दर्जे में जगह दी गई है. इनमें हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, और बौद्ध शामिल हैं. विधेयक में 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए इन लोगों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है.
पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में ये कहकर इसका विरोध हो रहा है कि सरकार बांग्लादेश से अवैध रूप से आए हिंदुओं को नागरिकता देने का प्रयास कर रही है. विरोध करने वालों के मुताबिक यह 1985 में हुए असम समझौते का सीधा उल्लंघन है.