तेज बहादुर का नामांकन रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने EC से मांगी सफाई
वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने वाले सेना के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से सफाई देने को कहा है. कोर्ट ने आयोग को कल तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
तेज बहादुर यादव ने वाराणसी से सपा उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था, जिसे चुनाव आयोग ने सेना से बर्खास्तगी का हवाला देकर खारिज कर दिया था. आयोग का कहना था कि सेना से बर्खास्त व्यक्ति पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है. इसके बाद जवान ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
तेज बहादुर ने अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि उसकी बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के चलते हुई थी, ना कि देश के साथ धोखेबाजी या भ्रष्टाचार के चलते. इस वजह से उसे चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता.
इससे पहले चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ के तहत उसके नामांकन को अवैध करार दिया था.
तेज बहादुर यादव ने 2017 में खाने की शिकायत करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था. जिसके बाद उसे अनुशासनहीनता हवाला देकर बर्खास्त कर दिया गया था.