अनिल अंबानी के लिए न्यायिक आदेश में बदलाव?


sc dismissed 2 registrar over change in order on anil ambani

 

सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक आदेश में गलती करने के लिए दो कोर्ट अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. अधिकारियों पर कारोबारी अनिल अंबानी से जुड़े एक न्यायिक आदेश में गलती करने के आरोप हैं. इस गलती की वजह से अनिल अंबानी को कोर्ट में ना मौजूद होने की छूट मिल रही थी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत अपनी अतिरिक्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कोर्ट में कार्यरत दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रबर्ती को बर्खास्त कर दिया है.

चीफ जस्टिस ने सेक्शन 11(13) का भी इस्तेमाल किया. जिसके तहत जज के पास “असाधारण” परिस्थितियों में किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार होता है.

रजिस्ट्रार की ओपन कोर्ट या जजों के चैंबर्स में दिए गए सभी फैसलों को लिखने में भूमिका होती है.

दोनों अधिकारी कोर्ट की ओर से जारी आदेश में लिखित गलती करने के लिए जिम्मेदार हैं, जो 7 जनवरी को सार्वजनिक किया गया था.

यह मामला एरिक्सन इंडिया की अनिल अंबानी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें जज ने अगली सुनवाई के दौरान अंबानी को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिए थे.

इस मामले में जस्टिस आरएफ नरीमन और विनीत सरन की दो सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही है.

बेंच ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अनिल अंबानी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे.

लेकिन रजिस्ट्रार ने आदेश लिखने में गलती की. इससे गलत आदेश सार्वजनिक किया गया, जिससे यह संदेश गया कि अंबानी को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने से राहत मिल गई है.

हालांकि, याचिकाकर्ता एरिक्सन इंडिया के वकील यह गलती कोर्ट के संज्ञान में ले आए. जिसके बाद कोर्ट ने संशोधित आदेश 10 जनवरी को जारी किया.

संशोधित आदेश की के बाद, 12 और 13 फरवरी को अनिल अंबानी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे.

सूत्रों के मुताबिक पहली नजर में यह गलती केवल शाब्दिक थी, लेकिन मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया. शुरुआती जांच में सामने आया है कि दोनों अधिकारियों ने जज का आदेश उनसे बिना पूछे सार्वजनिक किया.

फिलहाल इस पूरे मामले पर जांच जारी है. न्यायिक आदेश में गलती करने के लिए जिम्मेदार सभी वकीलों और अधिाकरियों की पहचान की जा रही है.


ताज़ा ख़बरें