तेजस्वी को खाली करना होगा बंगला
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में उपमुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ दायर तेजस्वी यादव की याचिका खारिज कर दी है.
कोर्ट ने तेजस्वी से बंग्ला खाली करने को कहा है. साथ ही हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी पर 50 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है.
पटना हाई कोर्ट ने तेजस्वी को राज्य के उप मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित बंग्ला खाली करने के आदेश दिया था. इस फैसले को तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने तेजस्वी यादव को आदेश दिया कि वह प्रतिपक्ष नेता के लिए आवंटित दूसरे आवास में स्थानांतरित हों.
आरजेडी नेता तेजस्वी इस समय राज्य विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. वह 20 महीने तक बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हाई कोर्ट ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के लिए यह सरकारी आवास खाली करने के बिहार सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका सात जनवरी को खारिज कर दी थी.
इससे पहले, छह अक्टूबर, 2018 को हाई कोर्ट ने उप मुख्यमंत्री के रूप में आवंटित बंगला खाली करने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता को सरकार में मंत्री के रूप में उसके पद के अनुरूप पटना में एक, पोलो रोड, बंगला आवंटित किया गया है. वह इस बारे में लिए गए फैसले पर सिर्फ इसलिए शिकायत नहीं कर सकते कि यह बंगला उन्हें ज्यादा बेहतर लगता है.
इस समय तेजस्वी राजभवन और मुख्यमंत्री निवास से चंद कदमों की दूरी पर पांच, देश रत्न मार्ग बंगले में रह रहे हैं. यह बंगला उन्हें 2015 में उस समय आवंटित किया गया था जब वह उपमुख्यमंत्री थे.