कोर्ट ने राजद्रोह कानून के कथित दुरुपयोग संबंधी याचिका खारिज की


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें सरकारी तंत्र द्वारा राजद्रोह कानून के कथित दुरुपयोग के निपटने के लिए उचित प्रणाली बनाने का अनुरोध किया गया था.

जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता उचित प्राधिकार के पास जा सकते हैं.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील उत्सव सिंह बैंस से कहा कि वह कथित तौर पर छात्रों को सीएए और एनआरसी के विरोध में नाटक के मंचन की अनुमति देने के लिए कर्नाटक के एक स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ दायर राजद्रोह के मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध नहीं कर सकते.

बैंस ने पीठ से कहा कि वह प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध नहीं कर रहे हैं, और याचिकाकर्ता ने राजद्रोह कानून के कथित दुरुपयोग के निपटने के लिए उचित प्रणाली बनाने का भी अनुरोध किया है.

पीठ ने मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए कहा,”प्रभावित पक्ष को आने दीजिए और हम उन्हें सुनेंगे. ये आपकी तरफ से क्यों होना चाहिए.”


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