उन्नाव रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को एम्स स्थानांतरित करने का निर्देश दिया


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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लखनऊ स्थित केजीएमसी अस्पताल में भर्ती उन्नाव बलात्कार पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए विमान से दिल्ली लाकर एम्स में भर्ती कराया जाए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि पीड़िता को तभी स्थानांतरित किया जाए जब उसका उपचार करने वाले चिकित्सकों की राय में वह ‘स्थानांतरित’ किए जाने की अवस्था में हो.

वहीं तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और सह-अभियुक्त शशि सिंह को तिहाड़ जेल लाने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ को बताया गया कि न्यायालय के निर्देशानुसार महिला के चाचा महेश सिंह को उन्नाव जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है.

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने यह निर्देश देने से कुछ मिनट पहले ही पीड़िता और उसके घायल वकील को एम्स स्थानांतरित करने का मामला शुक्रवार के लिये स्थगित कर दिया था क्योंकि उनके परिवार की ओर से इस तरह का अनुरोध करने के लिये कोई उपस्थित नहीं था.

लेकिन, इसी दौरान बलात्कार पीड़िता की ओर से एक वकील पीठ के समक्ष पेश हुआ और उसने पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पीड़िता को दिल्ली स्थानांतरित करने से पहले लखनऊ के अस्पताल में उसका इलाज कर रहे चिकित्सकों की राय यह पता लगाने के लिए ली जाएगी कि क्या वह स्थानांतरित करने की हालत में है या नहीं.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यदि चिकित्सकों की राय होती है कि वह स्थानांतरित करने की हालत में है, तो उसे नई दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित किया जाएगा. मां के अनुरोध के मद्देनजर हम उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देते हैं कि पीड़िता को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली लाकर आज ही एम्स में स्थानांतरित किया जाए.’’

न्यायालय ने एम्स प्रशासन को बलात्कार पीड़िता के उपचार और देखभाल के लिये समुचित प्रबंध करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा कि दिल्ली के हवाई अड्डे के विमान तल से एम्स की जिम्मेदारी शुरू होती है.

पीठ ने पीड़िता की ओर से पेश अधिवक्ता डी रामकृष्ण रेड्डी के कथन का संज्ञान लेते हुए उसे किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज से एम्स स्थानांतरित करने का आदेश दिया .

पीठ ने मामले की सुनवाई 9 अगस्त के लिए निर्धारित करते हुए स्पष्ट किया कि घायल वकील का परिवार भी यह राहत प्राप्त कर सकता है और उन्हें जब भी आवश्यकता हो, संपर्क कर सकता है.

बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में पीड़ित से उस समय कथित रूप से बलात्कार किया था जब वह नाबालिग थी. पीड़ित इस समय आईसीयू में  है.

पिछले सप्ताह राय बरेली के निकट उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस टक्कर में महिला की चाची और मौसी की मृत्यु हो गयी थी जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

उत्तर प्रदेश विधान सभा में बांगरमऊ क्षेत्र से चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पिछले साल अप्रैल 2018 से जेल में है.


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