गुजरात दंगा: मोदी को क्लीनचिट के खिलाफ याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख निर्धारित की.
न्यायालय ने टिप्पणी की कि इस मामले की सुनवाई कई बार टल चुकी है और कभी ना कभी तो मामले की सुनवाई होगी.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने मामले की सुनवाई अप्रैल के लिए टाल दी. इससे पहले जकिया के वकील ने मामले की सुनवाई टालने और होली की छुट्टी के बाद इस पर सुनवाई का अनुरोध किया था.
जकिया जाफरी की वकील अपर्णा भट ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में मुद्दा विवादास्पद है. इस पर पीठ ने कहा, ”इस पर सुनवाई इतने बार टल चुकी है, ये जो भी है हमें इस पर किसी ना किसी दिन सुनवाई करनी ही है. एक तारीख लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों.”
वकील ने इससे पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि याचिका पर एक नोटिस जारी करने की जरूरत है क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 से मई 2002 तक कथित ”बड़े षडयंत्र” से संबंधित हैं.
गौरतलब है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगाए जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे. मारे गए लोगों में एहसान जाफरी भी शामिल थे.
घटना के करीब 10 साल बाद आठ फरवरी 2012 में एसआईटी ने मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की थी.