शरद पवार ने CAA-NRC का विरोध कर रहीं ममता बनर्जी को अपना समर्थन दिया
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अपना समर्थन जताया है.
उन्होंने लिखा है, ‘मैं आपकी चिंताओं से सहमत हूं. मैं उन सभी पार्टियों के साथ हूं जो इस कानून के विरोध में हैं.’
उन्होंने आगे लिखा है, ‘मुझे खुशी होगी कि मैं आपके इस विरोध में किसी तरह से भी शामिल हो पाऊं. मैं केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ हूं. और मैं संविधान की रक्षा के लिए कोई भी योगदान देने को तैयार हूं. कृपया इस संबंध में किसी भी बैठक के बारे में मुझे जरूर जानकारी दें.’
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर बरसते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राजनीतिक दलों और नागरिक संस्थाओं से देशभर में बीजेपी पार्टी के खिलाफ हाथ मिलाने और उसे अलग-थलग करने का अनुरोध किया था.
कानून के खिलाफ पांच किलोमीटर लंबे विरोध मार्च के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी देश के वैध नागरिकों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का अद्यतन नहीं होने देंगी जिसे पहले ही उनकी सरकार ने रोक रखा है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”मैं हर किसी से बीजेपी के खिलाफ हाथ मिलाने और हर जगह उसे अलग-थलग करने की अपील करती हूं. राजनीतिक दलों, नागरिक संस्था समूहों और छात्र समुदाय को देशभर में विरोध करना चाहिए और बीजेपी को अलग-थलग करना चाहिए. वे हमारी स्वतंत्रता छीनना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.”
संशोधित कानून का विभिन्न जगह विरोध कर रहे छात्रों को समर्थन देते हुए उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि जो लोग 18 साल के हो चुके हैं और अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं, किसी सरकारी नीति या निर्णय के खिलाफ विरोध को लेकर उनकी आलोचना क्यों की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ”मैं कानून का विरोध कर रहे छात्रों को अपना समर्थन देती हूं. जब तक सीएए को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक मैं अपना विरोध खत्म नहीं करूंगी. सिर्फ इतना पक्का कीजिए कि आपका नाम मतदाता सूची में हो. बाकी का काम मैं देख लूंगी. किसी को भी यह देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.”
बनर्जी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, किसी को भी देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ”आपकी दिल्ली में चलती है. मत सोचिए कि राज्य भी उसी लाइन पर चलेगा. हम बंगाल में न तो कभी सीएए लागू करेंगे और न ही कभी राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लागू करेंगे. आप जो करना चाहो कर सकते हो.”
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 16 दिसंबर से पांच विरोध मार्च और दो रैलियां कर चुकीं बनर्जी ने कहा, ”जब तक मैं जीवित हूं, बंगाल में सीएए लागू नहीं किया जाएगा. किसी को भी देश या राज्य नहीं छोड़ना पड़ेगा. बंगाल में कोई निरोध केंद्र नहीं होगा.”