विवादित बयान मामले में शशि थरूर को कोलकाता हाई कोर्ट से मिली राहत


Shashi Tharoor gets relief from Kolkata High Court in disputed statement case

 

गुरुवार को हिंदू-पाकिस्तान के विवादित बयान मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की गिरफ्तारी वारंट पर कोलकाता हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.

हाई कोर्ट के जस्टीस राजशेखर मंथ ने यह रोक पुनर्विचार आवेदन का निपटारा होने तक के लिए लगाई है.

13 अगस्त को यह गिरफ्तारी वारंट कोलकाता की एक मजिस्ट्रेट मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने जारी किया था. यह मामला पेशे से वकील सुमित चौधरी ने आईपीसी के सेक्शन 153ए/295ए और ‘राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम 1971’ के सेक्शन दो के तहत कोलकाता की एक मजिस्ट्रेट मेट्रोपोलिटन कोर्ट में थरूर के खिलाफ दर्ज करवाया था.

सुमित चौधरी ने कहा कि शशि थरूर का बयान भारत का अपमान है जो कि एक धर्मनिरपेक्ष देश है और राजनेता ने अपने बयान के लिए कभी माफी नहीं मांगी है.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जुलाई 2018 में तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में कहा, “अगर भाजपा दोबारा लोकसभा चुनाव जीतती है तो हमें लगता है कि हमारा लोकतांत्रिक संविधान नहीं बचेगा. वो संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को तहस-नहस करके एक नया संविधान लिखेंगे. उनका नया संविधान ‘हिंदू राष्ट्र’ के सिद्धांतों पर आधारित होगा. अल्पसंख्यकों को मिलने वाली बराबरी खत्म कर दी जाएगी और भारत ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जाएगा.”

शशि थरूर ने इसके एक दिन बाद कहा, “जो बयान दिया था मैं उस पर कायम हूं, हालांकि कुछ लोग मेरे बयान को गलत ढंग से पेश कर रहे हैं, इसलिए मैं एक स्पष्टीकरण देना चाहता हूं- पाकिस्तान का निर्माण धर्म के आधार पर हुआ था, जहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जाता था और उन्हें समान अधिकार नहीं दिये जाते थे.”


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