मुजफ्फरपुर: नीतीश के आश्वासन के बाद भी अस्पताल में जारी बिजली कटौती


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मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण अस्पताल के अंदर मरीजों के परिजनों ने लगातार बिजली कटौती की शिकायत की है.

मरीजों के रिश्तेदारों ने कहा, “अस्पताल के अंदर लगातार बिजली कट रही है और कोई दूसरी व्यवस्था भी नहीं की गई है. हम लोग हाथपंखा का इस्तमाल करने के लिए मजबूर हैं. बच्चे गर्मी की वजह से रो रहे हैं.”

बता दें कि जहां बिहार मे मासूमों की मौत की संख्या लगभग 144 पहुंच चुकी है, वहीं सिर्फ अगर मुज्जफरपुर की बात करें तो 19 जून तक यहां 117 बच्चे जिंदगी की जंग चमकी बुखाक के सामने हार चुके हैं. इसके अलावा वैशाली में 12, समस्तीपुर में पांच, गया में छह, मोतिहारी और पटना में दो-दो बच्चों की मौत चुकी है.

केंद्रीय स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 जून को मुजफ्फरपुर के श्रीक़ृष्ण अस्पताल का दौरा कर अस्पताल की व्यवस्था को जल्द से जल्द ठीक करने की बात कही थी.

अस्पताल में बदइंतजामी की हालत यह है कि मरीज के परिजनों को पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

बिहार के 12 जिलों में दर्जनों बच्चे एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम या चमकी बुखार से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. विशेषज्ञों ने महामारी बनती इस बीमारी के लिए मुजफ्फरपुर में पैदा होने वाली लीची को जिम्मेदार ठहराया है.
विशेषज्ञों के एक गुट का कहना है कि लीची में कुछ जहरीले तत्व भी मौजूद होते हैं जो खाली पेट सेवन की स्थिति में बच्चों के दिमाग पर असर डालते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक पूरे दिन अधपकी या कच्ची लीची के सेवन से बच्चों के खून में ग्लूकोज का स्तर गिर जाता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है.

जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 18 जून को श्रीकृष्ण अस्पताल पहुंचे थे तो मरीजों के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर “नितीश कुमार वापस जाओ” के नारे लगाकर गुस्सा जाहिर किया था.

नीतीश कुमार नें एलान किया है कि चमकी बुखार जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके परिजनों को चार लाख रुपये दिए जाएंगे.


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