कश्मीर में हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं: गुलाम नबी आजाद


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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बयान में कहा है कि कश्मीर घाटी में हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं. आजाद इन दिनों अपनी छह दिवसीय यात्रा पर जम्मू कश्मीर में हैं.

जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था.

आजाद ने कहा, “मुझे इस समय मीडिया से कुछ नहीं कहना है. मैं चार दिन कश्मीर में था और अभी दो दिन के लिए जम्मू में रहूंगा. छह दिन का टूर खत्म होने के बाद ही मैं कुछ बोलूंगा.”

आजाद ने इससे पहले तीन बार अपने गृह राज्य जाने की कोशिश की थी मगर उन्हें अधिकारियों ने एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया था. 16 सितंबर को कोर्ट ने अपने एक आदेश में गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला और जम्मू के कुछ जिलों में जाने की इजाजत दी थी.

कोर्ट का कहना था कि आजाद वहां जाकर घाटी के लोगों का हालचाल लेना चाहते हैं.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कांग्रेस नेता अपनी यात्रा के दौरान वहां के लोगों से बातचीत करने के लिए स्वतंत्र हैं.

अपनी वर्तमान यात्रा के बारे में और राज्य की स्थिति की एक आकलन रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरे वहां रहने के दौरान मुझे प्रशासन द्वारा 10 प्रतिशत स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं दी गई, जहां मैंने जाने की योजना बनाई थी.”

वहीं राज्य में अन्य नेताओं की हिरासत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई संकेत नहीं है.

अपनी यात्रा से पहले गुलाम नबी आजाद ने कोर्ट को यह आश्वस्त किया कि वह अपने गृह राज्य किसी भी तरह की राजनीतिक रैली या आयोजन करने नहीं जा रहे हैं.

आजाद ने अपनी याचिका में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र के फैसले के बाद राज्य में सामाजिक माहौल पर जांच करने की अनुमति भी मांगी थी.

इससे पहले कोर्ट ने माकपा सचिव सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दी थी ताकि वह अपने सहयोगी और पूर्व विधायक यूसुफ तारिगामी से मिल सकें.


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