सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर सोनिया गांधी ने जताई चिंता


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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को लेकर चिंता जताई है. सोनिया गांधी ने लोकसभा में दिए गए अपने भाषण में कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सार्वजनिक उपक्रमों को आधुनिक भारत के मंदिरों की संज्ञा दी थी. लेकिन आज इन मंदिरों को खतरे में देखकर दुख होता है.

सोनिया ने कहा कि कई सार्वजनिक कंपनियों में लाभ के बावजूद कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता है. कुछ उद्योगपतियों के निजी फायदे के लिए इन उपक्रमों के खतरे में डाल दिया गया है.

सोनिया गांधी ने दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के साथ जो हो रहा है वो छिपा नहीं है.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि रायबरेली की कोच फैक्टरी और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों को बचा लिया जाए. इनके कर्मचारियों और उनके परिवारों को सम्मान दिया जाए.

इस समय देश के कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रम घाटे में चल रहे हैं. और केंद्र सरकार उनके निजीकरण की तैयारी में है.


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