…अब सोनिया गांधी ने उठाए ईवीएम पर सवाल


sonia gandhi questions the legitimacy of evms

 

विपक्ष की ओर से ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठ रहे तमाम सवालों के बीच अब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी ईवीएम पर आशंका जताते हुए कहा है कि ‘बिना आग के धुंआ नहीं उठता है’.

उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद यहां पहली जनसभा को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा,’पिछले कुछ सालों में निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर कई सवाल उठे हैं. बहुत से लोग इन सवालों के सही ठहरा रहे हैं. जबकि कई लोग इन सवालों को बेबुनियाद कह रहे हैं. पर जैसा की कहा जाता है बिना आग के धुंआ नहीं उठता है.’

‘द टेलीग्राफ’ लिखता है कि यहां सोनिया ने इशारों-इशारों में ही उन तमाम मतदाओं के मन की बात कही जिनका कहना है कि गड़बड़ियों के चलते उनका वोट कांग्रेस को नहीं गया. इन चुनावों में मतगणना से कुछ दिन पहले बड़े स्तर पर ईवीएम में गड़बड़ियों और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे.

जिसके बाद से ही ईवीएम की विश्वसनीयता पर तमाम विपक्षी नेताओं ममता बनर्जी, शरद पवार, मायावती और चंद्रबाबू नायडू सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन इन गंभीर आरोपों के बीच भी कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने इस पर अब तक चुप्पी साध रखी थी.

जहां कुछ कांग्रेस नेता ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को नकार रहे हैं, वहीं कुछ कांग्रेस नेता तमाम सबूतों जुटाने की बाद ही अगला कदम उठाने पर विचार करेंगे. पाया गया है कि कांग्रेस के अधिकतर लोग ईवीएम के मामले में निष्पक्ष जांच के समर्थक हैं. कल जनसभा के दौरान सोनिया ने भी ईवीएम पर उठ रहे सवाओं के उचित समाधान की मांग की.

लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ईवीएम का मामला गहराया था. जब बूथ स्तर पर परिणाम विश्लेषण में पार्टी के समर्थन और घोषित परिणामों में बड़ा अंतर देखा गया. पार्टी उम्मीवारों ने पैसा, दबाव समेत कई बातों को अपनी हार के पीछे जिम्मेदार ठहराया.

परिणामों की घोषणा के बाद से कांग्रेस प्रवक्ता टेलीविजन डिबेट में नहीं जा रहे हैं. वहीं पार्टी का जनसंचार विभाग भी चुप्पी साधे हुए है. फिलहाल पार्टी का कोई भी प्रमुख नेता मोदी और शाह की चुनाव रणनीति पर कुछ भी कहने से बच रहा है.

इस बीच पार्टी प्रमुख राहुल समेत तमाम प्रमुख नेताओं के नेतृत्व पर सवाल उठे हैं. लेकिन परिणामों की घोषणा के 20 दिन बाद भी पार्टी नए अध्यक्ष के चयन पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं कर सकी है. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए दिए गए इस्तीफे पर बने हुए हैं.

पार्टी के सामने खड़े नेतृत्व संकट और लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद अब सोनिया ने एक बार फिर अपने विचारों से साफ कर दिया है कि उनके परिवार ने अब भी हार नहीं मानी है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘नफरत और असहिष्णुता’ फैलाने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद उनकी मां सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर सत्ताधारी बीजेपी पर आरोप मढ़ा कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए उसने सारी मर्यादाएं भुला दीं.

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में सोनिया ने कहा, ”मुझे पता है कि भारत का इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए सभी मर्यादाएं भुला दी जाएं”

सोनिया के साथ कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं.

सोनिया गांधी ने इन चुनाव में मिले जन समर्थन का सम्मान करते हुए कहा,’आप जानते हैं कि ये सरकार कैसे अच्छे दिन लाई है, आप जानते हैं कि इन्होंने कितने वादे पूरे किए. अगर इसके बावजूद समर्थन मिला तो मैं उन्हें बधाई देती हूं. हम देश के विकास, गरीबों के कल्याण और लोकतंत्र की मजबूती के लिए सरकार को पूरा समर्थन देते हैं. पर अगर लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने की कोशिश की जाएगी तो हम उनसे डंट कर लड़ेंगे.’


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