पैसे के अभाव में दक्षिण रेलवे के 86 ट्रेनों में साफ-सफाई की सेवाएं स्थगित
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रेलवे मंत्रालय की ओर से मदद के कोई संकेत नहीं मिलने के बाद दक्षिण रेलवे ने लंबी दूरी की 86 ट्रेनों पर ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) स्थगित करने का फैसला किया है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक अधिकतर केरल और तमिलनाडु से चलने वाली इन ट्रेनों में सेवाएं एक सितंबर से स्थगित रहेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाओं के बाद भी दक्षिण रेलवे के पास ओबीएचएस ठेकेदार का बकाया चुकाने कि लिए फंड की भारी कमी हो गई है.
रेलवे ने इन ट्रेनों पर लिनेन की आपूर्ति, पेस्ट कंट्रोल और बायो टायलेट के रखराव के ठेके वापस लेने का फैसला किया है.
प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर सुभ्रांशु ने चेन्नई, मुदुरई, पालघाट, तिरुवनंतपुरम, तिरूची और सालेम इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारियों से ओबीएचएस ठेके रद्द करने के लिए नोटिस जारी करने को लेकर पत्र लिखा है.
लंबी दूरी की 110 ट्रेनों में से 24 पर ओबीएचएस सेवाएं बनी रहेंगी. इनमें तमिलनाडु एक्सप्रेस, ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस शामिल हैं.
पहले के बकाया और बढ़ते बिल के बाद दक्षिण रेलवे ने रेल मंत्रालय को एसओएस भेजकर फंड जारी करने की मांग की थी. 5 जुलाई को रेलवे ने फंड की कमी रेखांकित करते हुए कहा कि लंबी दूरी की 110 ट्रेनों में ओबीएचएस सेवाएं जारी रखने के लिए तत्काल रूप से फंड की आवश्यकता है. वहीं यह भी कहा कि रेलवे बोर्ड के नियमानुसार 37 अन्य ट्रेनों पर इन सेवाओं की शुरुआत होनी चाहिए.
इसके एक महीने बाद जनरल मैनेजर राहुल जैन ने मांगों को दोहराते हुए यात्रियों के लिए आधारभूत सेवाएं जारी रखने के लिए एसओएस भेजा. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों का 22 करोड़ रुपये बकाया है जबकि मौजूदा बिल का 40 करोड़ रुपये भी बकाया है.
“ठेकेदारों को बकाया भुगतान नहीं होने के चलते वो स्टाफ को वेतन आदि नहीं दे पा रहे हैं. इस बात की काफी संभावनाएं है कि काम बंद करना पड़े… ऐसे में अनुरोध किया जाता है कि बकाया भुगतान के लिए तत्काल प्रावधान किए जाए.”
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि “रेलवे बोर्ड की ओर से फंड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में हमारे पास ट्रेनों को बिना सेवाओं के चलाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.”