स्टालिन ने तीसरे मोर्चे की बात नकारी, बोले हम कांग्रेस के साथ


stalin meets kcr and refused to third front

 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बीच एक औपचारिक मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने केंद्रीय राजनीति को लेकर बातचीत की.

अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया सूत्रों के हवाले से लिखता है कि केसीआर ने स्टालिन से संघीय मोर्चे में शामिल होने की बात कही, लेकिन स्टालिन ने उन्हें यूपीए में आने का न्योता दे दिया.

खबरों के मुताबिक स्टालिन ने कहा, “तीसरे मोर्चे का अवसर नहीं दिखाई दे रहा, हालांकि ऐसे किसी मोर्चे की बात 23 मई के बाद ही साफ होगी.”

इस दौरान दोनों नेताओं के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी कि क्षेत्रीय नेताओं को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए और राज्यों के लिए अधिक शक्तियों की मांग करनी चाहिए.

एक घंटे तक चली इस बैठक में केसीआर ज्यादातर इस बात पर जोर देते रहे की बीजेपी और कांग्रेस के इतर एक तीसरे मोर्चे की जरूरत है. लेकिन स्टालिन जो कि प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी के नाम का सुझाव पहले ही दे चुके हैं, अपनी बात पर अड़े रहे.

स्टालिन ने कहा कि केसीआर को कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए गठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए. इस बीच स्टालिन ने कहा कि राज्यों को जल्दबाजी में बीजेपी या कांग्रेस के प्रति समर्पित होना ठीक नहीं है. केसीआर भी स्टालिन के इस विचार से काफी प्रभावित दिखे.

हाल ही में हुई राजनीतिक हलचलों पर हंसी-ठिठोली के साथ शुरु हुई बैठक में क्षेत्रीय प्राथमिकताओं पर बात हुई. केसीआर ने तीसरे मोर्चे को लेकर अपना पक्ष रखा. लेकिन स्टालिन ने पूरी बैठक के दौरान संघीय मोर्चे या तीसरे मोर्चे का जिक्र नहीं किया.

इस दौरान स्टालिन ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के खिलाफ गठबंधन बनाया है. और हमारी पूरे कैंपेन इस बात पर केंद्रित है कि मोदी सरकार ने किस तरह से पूरे पांच साल तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार किया.

खबरों के मुताबिक इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राज्यों के मुद्दों पर हुई पिछली बैठक के बारे में बात हुई. कांग्रेस के घोषणापत्र में इस मुद्दे को क्या स्थान दिया गया है इस बात भी चर्चा हुई.


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