स्टिंग ऑपरेशन: सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के एक टीवी पत्रकार के खिलाफ लंबित तीन आपराधिक मामलों में कार्यवाही पर रोक लगा दी है. पत्रकार ने उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार का कथित रूप से पर्दाफाश करने के लिए साल 2018 में स्टिंग ऑपरेशन किया था. जिसके बाद राज्य पुलिस ने उसके और अन्य के खिलाफ ये मामले दर्ज किए थे.
पत्रकार उमेश कुमार शर्मा और अन्य के खिलाफ पुलिस ने इस साल जबरन वसूली, जालसाजी, छल, आपराधिक साजिश और भारतीय दंड संहिता के तहत अन्य अपराधों के आरोप में मामले दर्ज किए थे. इनमें से एक मामला 2007 का है.
जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ऋषिकेशराय की पीठ ने 21 अक्टूबर को पत्रकार की याचिका पर उत्तराखंड में त्रिवेन्दर सिंह रावत सरकार से जवाब मांगा था. इस पत्रकार ने इन सारे मामलों को उत्तराखंड की अदालतों से बाहर दिल्ली में पटियाला हाउस की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.
इस पत्रकार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसे धमकियां मिल रही हैं और इन मामलों की निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई के लिए इन्हें राज्य से बाहर स्थानांतरित करना जरूरी है.
याचिका में पत्रकार ने राज्य में प्रमुख नेताओं के नजदीकी व्यक्तियों की कथित भ्रष्टाचार में संलिप्तता को बेनकाब करने के बाद अपने खिलाफ दर्ज मामलों का विवरण भी दिया है.
पत्रकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए और उन्होंने बहस की .
इसके बाद पीठ ने पत्रकार के खिलाफ दर्ज सभी तीन आपराधिक मामलों में आगे कार्यवाही पर रोक लगा दी और याचिका पर नोटिस जारी किया.