गाइड पर यौन हिंसा का आरोप लगाने वाली छात्रा पर पाबंदियां
जवाहर लाल विश्वविद्यालय में गाइड पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली शोध छात्रा को विश्वविद्यालय कैंपस में आने पर पाबंदी, डिग्री रद्द करने सहित भविष्य में जेएनयू में नौकरी नहीं देने की सिफ़ारिश विश्वविद्यालय की एक कमेटी ने की है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विश्वविद्यालय की इंटरनल कंम्पलेंट कमेटी(आईसीसी) ने छात्रा के आरोप गलत पाए जाने के बाद ये सिफ़ारिश दी है. अब अंतिम निर्णय कुलपति को लेना है. छात्रा ने अपने गाइड के खिलाफ 12 अप्रैल को आईसीसी के पास शिकायत दर्ज करवाई थी.
नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय की शोधार्थी छात्रा ने ‘छेड़छाड़, यौन हिंसा और धमकाने’ का आरोप अपने गाइड पर लगाया था. पिछले महीने आईसीसी ने शिकायत को ‘उथला’ बताते हुए छात्रा के साथ कड़ी दंडात्मक कर्रवाई करने की अनुशंसा की थी. यह अनुशंसा पिछले महीने पांच नवंबर को की गई है.
आईसीसी की अनुशंसा में कहा गया है, “शिकायतकर्ता को जेएनयू कैम्पस में आने पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए. उन्हें भविष्य में जेएनयू में दाखिला लेने और काम करने की अनुमति नहींं होनी चाहिए. उन्हें विश्वविद्यालय की एकेडमिक या गैर एकेडमिक किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर रोक हो.”
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अभी तक इस मामले में विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
अखबार ने शिकायतकर्ता छात्रा के हवाले से कहा है, “आईसीसी शुरू से ही हमारे प्रति द्वेषपूर्ण व्यवहार रखते रहा है. उन्होंने हमें विदेश जाने से रोक दिया. पीएचडी जमा करने के बावजूद अबतक मुझे डिग्री नहीं मिल पाई है, इसकी वजह से मैं पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप और नौकरी नहीं ले पाई हूं. जिस तरह से हमें कैम्पस में जाने पर पाबंदी लगाई गई है और गार्ड हमारे पीछे-पीछे चलते हैं, मैं खुद को अपराधी महसूस करती हूं. ”
आईसीसी ने अनुशंसा में कहा है कि अगर जांच के लिए शिकायतकर्ता छात्रा को कैम्पस में आना पड़ता है तो उसे पहले प्रॉक्टर कार्यालय को बताना होगा. इसके साथ ही छात्रा को मुख्य सुरक्षा अधिकारी को विश्वविद्यालय आने और जाने के बारे में बताना होगा और इस दरम्यान दो महिला सुरक्षा गार्ड छात्रा की निगरानी करेंगी.