क्रिप्टोकरेंसी पर RBI की रोक के खिलाफ याचिकाओं को कोर्ट ने किया स्वीकार


bank credit growth slows to 10.24 percent and deposits at 9.73 percent

 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक के वर्ष 2018 के एक परिपत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार कर लिया जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाएं मुहैया करने पर रोक लगाई गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं, जिनमें मुद्रा इकाइयों के बनाने और फंड के लेनदेन का सत्यापन करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है और यह व्यवस्था केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र रहकर काम करती है.

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमने रिट याचिकाओं को अनुमति दे दी है.’

आरबीआई के छह अप्रैल 2018 के परिपत्र के अनुसार केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक है.


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