आखिर कितने दिनों तक जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध लगा रहेगा: सुप्रीम कोर्ट


supreme court rejects all review petition in ayodhya verdict

 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वो और कितने दिन जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध लगाए रखना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस संबंध में सरकार की तरफ से साफ-साफ जवाब चाहिए.

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बृहस्पतिवार को कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियां लगा सकते हैं लेकिन समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए.

न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली एक पीठ को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि प्रशासन रोजाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है.

पीठ जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा वापस लेने के बाद राज्य में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन का पक्ष रख रहे मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया, ‘पाबंदियों की रोजाना समीक्षा की जा रही है. करीब 99 प्रतिशत क्षेत्रों में कोई प्रतिबंध नहीं है.’

पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल थे. पीठ ने राज्य में इंटरनेट पर लागू प्रतिबंध के बारे में पूछा.

इस पर सॉलिसीटर जनरल ने अदालत को बताया कि इंटरनेट पर प्रतिबंध अब भी इसलिए जारी हैं क्योंकि सीमा-पार से इसके दुरुपयोग की आशंका है.

न्यायालय इन याचिकाओं पर बहस पांच नवंबर को सुनेगा.


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