हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट का झटका, तत्काल सुनवाई से इनकार


unknown person slapped hardik patel during rally

 

सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद उनके आगामी लोकसभा चुनावों में लड़ने की उम्मीदे लगभग खत्म हो गई हैं.

इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने 2015 में हुए दंगों में उनकी भूमिका तय करते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी. ये दंगे पटेल आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन के दौरान हुए थे.

उन्हें यह सजा महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को हुई आरक्षण रैली में हिंसा और बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर की गई तोड़फोड़ के मामले में सुनाई गई थी.

हार्दिक पटेल पर आरोप है कि उन्होंने दंगे भड़काए जिससे जान-माल का नुकसान हुआ. जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक 2 साल या इससे अधिक सजा पाया व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है. इस तरह हार्दिक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए थे. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कोर्ट से राहत की मांग की थी.

हार्दिक गुजरात के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हैं और कुछ समय पहले ही वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. हार्दिक जामनगर से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन इस आदेश के बाद उनके इरादे को बड़ा झटका लगा है.

गुजरात की 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होगा.


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