बिहार शेल्टर होम मामले में एम नागेश्वर राव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार


review petition filed in ayodhya verdict

 

बिहार शेल्टर होम मामले की दोबारा सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को कड़ी फटकार लगाई है.

कोर्ट ने राव को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस की जांच कर रहे पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा के स्थानांतरण के संबंध में पेश होने के लिए कहा है.

सीबीआई के वकील ने बताया कि एम नागेश्वर राव सहित दो ऑफिसर एके शर्मा के तबादले में शामिल थे. इसके बाद जस्टिस गोगोई ने कहा, “हम इसे काफी गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खेल किया है. भगवान ही आपको बचाएं. कभी भी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से न खेले.”

राव के अलावा कोर्ट ने अन्य सीबीआई अधिकारियों को भी उपस्थित होने के लिए कहा है, जो 12 फरवरी को एके शर्मा के तबादले की प्रक्रिया में शामिल थे.

जब अचानक आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाया गया था तो नागेश्वर राव को निदेशक की कमान सौंपी गई थी. इस दौरान उन्होंने एके शर्मा का तबादला किया था. एके शर्मा उस समय बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच कर रहे थे.

जस्टिस गोगोई ने कहा कि शर्मा का सीबीआई से स्थानांतरण सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है और इसकी अवमानना ​​की गई है.

इसके अलावा जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वर्तमान सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ल को 11 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है कि शर्मा के तबादले में और कौन अधिकारी मौजूद थे ?


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