EVM: सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजा


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विपक्षी नेताओं की उस अपील पर निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा होने से पहले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की 50 फीसदी पर्चियों की गिनती करने की मांग की थी.

इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग को अगली सुनवाई में कोर्ट की मदद के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.

कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां चुनावों में ईवीएम के दुरूपयोग का आरोप लगाती रही हैं. हालांकि निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के हैक होने की किसी भी संभावना से इनकार करता रहा है.

22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम, वीवीपीएटी और ईटीएस के सॉफ्टवेयर सुरक्षा के संबंध में दायर याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था. 

इससे पहले चार फरवरी को 22 विपक्षी दलों ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करने के लिए निर्वाचन आयोग में एक ज्ञापन सौंपा था. पार्टियों का कहना था कि ईवीएम में गड़बड़ी और शिकायतों को लेकर वे चिंतित हैं.

13 फरवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा था कि ‘अधिकतर पार्टियों’ ने ईवीएम में अपना भरोसा जताया है. उन्होंने हालांकि इसका खेद जताया कि कुछ तबकों ने इसे ‘जानबूझकर विवाद’ का मसला बना दिया है.


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