गुजरात दंगा: नरेन्द्र मोदी को मिली क्लीन चिट के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टली
सुप्रीम कोर्ट ने दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिली क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. कोर्ट में यह याचिका जकिया जाफरी ने दायर की है. अब इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
जकिया जाफरी कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी है. एहसान जाफरी अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में 28 फरवरी, 2002 को हिंसक भीड़ के हमले में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे.
इससे पहले जकिया जाफरी ने इस मामले में एसआईटी के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के पांच अक्टूबर 2017 के आदेश को चुनौती दी है.
यह मामला जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था. पीठ ने कहा, “आप चार सप्ताह का समय चाहते हैं और हम आपको चार सप्ताह का वक्त दे रहे हैं.”
कोर्ट ने पहले कहा था कि जकिया की याचिका में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के सह याचिकाकर्ता बनने की अर्जी पर मामले की सुनवाई से पहले वह गौर करेगा.
जकिया के वकील ने पीठ से कहा कि इस मामले में नोटिस जारी करने की जरूरत है. क्योंकि यह 27 फरवरी, 2002 से मई 2002 के दौरान कथित ‘व्यापक साजिश’ से जुड़ा है.
इसमें यह भी कहा गया है कि एसआईटी ने मामला बंद करने के लिए निचली अदालत में दायर अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दी है. जिसके खिलाफ याचिका दायर किया गया था. लेकिन अदालत ने उसके गुण दोष पर विचार के बगैर ही उसे खारिज कर दिया.
एसआईटी ने आठ फरवरी, 2012 को मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी. इसमें मोदी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित 63 दूसरे लोगों को क्लीन चिट देते हुए कहा गया था कि इनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी सबूत नहीं हैं.