सर्जिकल स्‍ट्राइक का सियासी फायदा उठाना ठीक नहीं : ले.ज. हुड्डा


Surgical strikes were presented extensively: Retired Lieutenant General DS Hooda

 

दो साल पहले भारतीय सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद हुए कथित सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार-प्रसार पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने सवाल उठाए हैं.  पूर्व सेना अधिकारी ने कहा कि सेना की सफलता पर खुशी स्वाभाविक है, लेकिन इसका लगातार प्रचार-प्रसार अनुचित है.  वह सात दिसम्बर को  सैन्य साहित्य महोत्सव 2018  में सेना के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. हुड्डा सर्जिकल स्ट्राइक अभियानों के अहम हिस्सा रहे हैं.

‘सीमा पार अभियानों और सर्जिकल स्ट्राइक की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी हुड्डा ने सेना को राजनीतिकरण से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है.

उन्‍होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी. सैन्‍य अभियान जरूरी था और हमने ऐसा किया. लेकिन इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है… बेहतर होता यदि ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी गोपनीय रखी जाती.”

18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला हुआ था. इस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए थे. इसके बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाक‍िस्‍तान के कब्जे वाले कश्‍मीर में आतंकियों के कई लॉन्‍च पैड्स ध्वस्‍त कर दिए थे. सरकार की ओर से इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया गया था.

डीएस हुड्डा का बयान आने के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि यह एक व्यक्ति का नजरिया हो सकता है इसलिए वह इसपर कुछ नहीं बोलना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि हुड्डा इन अभियानों के अहम हिस्सा रहे हैं इसलिए मैं उनके शब्दों का सम्मान करता हूं.


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