तेलंगाना: बोर्ड परिणामों की घोषणा के बाद 18 छात्रों ने की आत्महत्या
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तेलंगाना बोर्ड एग्जाम परिणामों में कथित अनियमितताओं के चलते सात दिनों के भीतर 18 छात्रों की आत्महत्या का गंभीर मामला सामने आया है. परिजनों के प्रदर्शनों और आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने फेल हुए 3 लाख से ज्यादा छात्रों की आंसर शीट दोबारा चेक करने का आदेश दिया है.
राज्य में 18 अप्रैल को तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (टीएसबीआईई) ने 9वीं और 12वीं क्लास की परिक्षा परिणाम घोषित किए थे. राज्य स्तर के परिणाम बताते हैं कि एग्जाम देने वाले 9 लाख 74 हजार छात्रों में से करीब 3 लाख 28 हजार छात्रों फेल हो गए. जिसके बाद छात्रों के परिजनों ने आंसर शीट दौबारा चेक करने की मांग करते हुए व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए.
छात्रों के माता-पिता का आरोप है कि परिणामों में गलती ग्लोबारेना टेक्नोलॉजी की वजह से हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक राज्य सरकार ने परीक्षा नामांकन और परिणाम तैयार की जिम्मेदारी ग्लोबारेना टेक्नोलॉजी नामक प्राइवेट संस्था को दी थी.
छात्रों के परिजनों ने आरोप लगाए कि संस्था की स्तर पर हुई तकनीकी खराबियों के चलते गलती से कई छात्र फेल हो गए या अनुपस्थिति दिखाया.
तेलंगाना पैरेंट एसोसिएशन (टीबीए) के अध्यक्ष एन नारायण ने कहा, “तकनीकी खराबियों के चलते चेकिंग में गलतियां हुईं जिसकी वजह से किसी को 5 अंक तो किसी को 10 अंक मिले. हमें पता चला कि बहुत से छात्र ऐसे हैं जो परिक्षा में बैठे थे पर रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित दिखाया गया है.”
उन्होंने बताया, जब रिजल्ट आया तो कंपनी ने माना था कि प्रक्रिया के दौरान कुछ तकनीकी खराबियां हुईं. पर कंपनी ने बोला था कि उन्होंने इसे संशोधित कर लिया था. अब लग रहा है कि पूरी प्रक्रिया में ही खामियां थी. दुख की बात है कि इन गलतियों की वजह से छात्र अपनी जान लेने के लिए मजबूर हुए.”
राज्य में विरोध प्रदर्शनों ने बुधवार को तब जोर पकड़ा जब पता चला कि 12वीं क्लास की छात्रा जी नव्या को रिचेकिंग की बाद 99 मार्क्स मिले हैं. नव्या को पहले जीरो मार्क्स मिले थे.
23 अप्रैल को टीबीए की याचिका पर तेलंगाना हाई कोर्ट ने टीएसबीआईई को फेल हुए छात्रों की आंसर शीट दोबारा चेक करने के निर्देश दिए हैं.
तेलंगाना शिक्षा मंत्री जी जगदीश रेड्डी ने कहा “मामले में कमिटी का गठन किया गया है जो पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ग्लोबारेना के सिस्टम में कोई तकनीकी खराबी थी या नहीं. कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. अगर गलती पाई जाती है तो आरोपियों को सजा दी जाएगी.”
एक आधिकारी ने बताया कि “ग्लोबारेना की वजह से साल 2015 में भी जेएनटीयू, काकीनाडा के छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि कंपनी एग्जामिनेशन ऑटोमेशन का काम पूरा नहीं कर पाई थी. जिसके बाद जेएनटीयू ने ग्लोबारेना के खिलाफ एफआईआर भी की थी.”
वहीं, ग्लोबारेना के सीईओ वीएनएन राजू ने अपनी कंपनी का बचाव करते हुए कहा, “जो भी शुरुआती परेशानियां हुई थीं, उन्हें ठीक कर लिया गया था. इतने बड़े स्तर पर हमसे कोई गलती नहीं हुई है, जैसे की आरोप लगाए जा रहे हैं.”