तेलंगाना चुनावों में महिलाओं की अनदेखी


few womens given tickets in telangana assembly elections

 

तेलंगाना में प्रमुख राजनैतिक पार्टियों ने 7 दिसंबर को होने वाले विधान सभा चुनावों के लिए महिला उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया है.

पार्टियों की ओर से चुनावों में खड़े हुए उम्मीदवारों को बी-फॉर्म जारी किए गए हैं, जिसमें महिला उम्मीदवारों के नाम काफी कम संख्या में शामिल हैं.

राज्य विधान सभा में कुल 119 सीटें हैं. कांग्रेस ने 100 उम्मीदवारों के लिए बी-फॉर्म जारी किए हैं. जिसमें पार्टी की तरफ से केवल 11 महिलाओं को बी-फॉर्म जारी किए गए है.

सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने केवल चार सीटों से महिला उम्मीदवारों को चुनावों में उतारा है. 2014 विधान सभा चुनावों में पार्टी ने 6 महिलाओं को टिकट दिया था.

कांग्रेस की प्रमुख प्रचारक खुशबू सुंदर ने महिला उम्मीदवारों को लेकर पार्टी का पक्ष साफ करते हुए कहा है कि कांग्रेस पहली पार्टी थी जिसने संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया था, पर सत्ता में बैठी एनडीए की सरकार बिल को लोक सभा में पास नहीं कराना चाहती है.

महिला आरक्षण बिल राज्य सभा में साल 2010 में पास हुआ था. महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह बिल लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में अभी भी लटका हुआ है.

संवाददाताओं से बात करते हुए खुशबु ने कहा, “हमेने भले ही चुनावों में 33 प्रतिशत महिलाओं को टिकट न दिए हो. पर हमने 11 महिलाओं को सीट दिए हैं जबकि टीआरएस ने केवल 4 महिलाओं को सीट दी है.”

पूर्व मंत्री जे रेड्डी, डीके अरुणा, सुनिता लक्ष्मण रेड्डी और सविता इंद्र रेड्डी आगमी विधान सभा चुनावों में खड़ी हो रही हैं.

बीजेपी ने राज्य में 14 महिला उम्मीदवारों को खड़ा किया है. बीजेपी तेलंगाना इकाई के प्रवक्ता ने कहा है कि उनकी पार्टी ने सीटों के बंटवारे में सामाजिक संतुलन बनाने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा, “हमने राज्य में सभी राजनैतिक पार्टियों से ज्यादा 14 महिलाओं को टिकट दिया है.”

उन्होंने बताया कि बीजेपी की तरफ से 38 सीटें पिछड़े वर्ग, 21 सीटें अनुसूचित जाति और 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लोगों को दी गई हैं.

सीपीएम के नेतृत्व में बहुजन लेफ्ट फ्रंट (बीएलएफ) ने एक ट्रांसजेंडर समेत 10 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. राज्य में 7 दिसंबर को विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं.


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