दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा, यमुना खतरे के निशान से ऊपर
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राजधानी दिल्ली में बाढ़ के हालत को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बाढ़ और संभावित तबाही से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है. दिल्ली में बहने वाली यमुना नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
इस बार दिल्ली में सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि हथिनिकुंड बैराज से 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो कल शाम तक दिल्ली पहुंचेगा.
दिल्ली की तरफ 40 साल बाद इतना पानी छोड़ा गया है. इससे पहले यमुना में कभी भी इतना पानी अबतक नहीं छोड़ा गया है. साल 1978 में यमुना में सबसे बढ़ी बाढ़ आई थी तब हरियाणा के हथिनिकुंड बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि बैराज से जितना पानी छोड़ा गया है, उससे आशंका है कि यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर जाएगा.
बाढ़ के हालात को देखते हुए लोह पुल को बंद करा दिया गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अलावा बाकी विभाग भी मौजूद रहे.
यमुना किनारे सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है. अभी ज्यादा से ज्यादा लोगों को यमुना किनारे पुश्तों पर लगाए टेंट में शिफ्ट करने का काम चल रहा है.
आपदा से निपटने के लिए 44 बोट्स और 27 गोताखोरों की टीम अलग-अलग स्थान पर तैनात हैं.