मंत्री ने माना कि पायल तडवी पर की गई थी जातिगत टिप्पणी
मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कथित रूप से जातिसूचक टिप्पणी से आहत महिला डॉक्टर के आत्महत्या करने के मामले में महाराष्ट्र के मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने इस बात की पुष्टि की है कि मौजूद साक्ष्य पीड़िता के साथ उनके सीनियर्स के द्वारा जातिगत उत्पीड़न का शिकार होने की गवाही देते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने कहा है कि पीड़िता के ऊपर उनके सीनियर्स ने जातिगत टिप्पणी की थी. उन्होंने आरोपी डॉक्टरों को जल्दी ही गिरफ्तार करने का आश्वासन भी दिया है.
इससे पहले महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है कि तीन डॉक्टरों ने डॉ. पायल तडवी के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी की थी. हम आगे की जांच के लिए पुलिस को सहयोग करेंगे.
दूसरे वर्ष की पीजी छात्रा पायल तडवी द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने के बाद दायर प्राथमिकी में कहा गया है कि उसके वरिष्ठ उसे अक्सर धमकी देते थे कि उसे ऑपरेशन थिएटर में नहीं जाने दिया जाएगा या प्रसव कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आदिवासी होने के कारण व्हाट्सएप पर भी उसका मजाक उड़ाया गया.
तडवी ने 22 मई को आत्महत्या कर ली थी. उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जनजाति से होने के कारण उसे परेशान किया जाता था.