मौसम विभाग ने 13 दिन पहले ही दे दिया था ‘फोनी’ के आने के संकेत


The weather department had given 13 days earlier to signal the arrival of 'Fani'

 

ओडिशा तट पर चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के दस्तक देने से 13 दिन पहले मौसम विभाग ने संकेत दिया था कि बंगाल की खाड़ी और विषुवतरेखीय हिंद महासागर में बना हवा का कम दबाव का क्षेत्र एक बड़े तूफान का रूप ले सकता है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

मौसम विभाग ने 21 अप्रैल को विभिन्न सूत्रों से मिले आंकड़ों के आधार पर पूर्वानुमान जताया था कि विषुवतरेखीय हिंद महासागर और और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के लिए अनुकूल परिस्थितयां हैं.

किसी चक्रवात के बनने के लिए कम दबाव का क्षेत्र एक शुरूआती चरण होता है.

मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (सेवाएं) मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘हमें सभी मॉडलों से यह पता चला कि यह एक चक्रवात में तब्दील होने जा रहा है. इसलिए 25 अप्रैल से हमने विशेष बुलेटिन जारी करना शुरू कर दिया.’’

चक्रवात विशेषज्ञ महापात्र ने फोनी के आगे बढ़ने के बारे में अहम भूमिका निभाई और इसके मार्ग का सटीक अनुमान लगाया.

उन्होंने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की अन्य संस्थाओं से मिली मदद ने चक्रवात के बनने का अनुमान लगाने में एक अहम भूमिका निभाई.

महापात्र ने कहा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसन टेक्नोलॉजी, चेन्नई के बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में 20 से अधिक उपकरण हैं जिन्होंने बारिश, समुद्र के नीचे और ऊपर तापमान का और वायु गति के बारे में आंकड़े एकत्र किए.

मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने कहा कि विभिन्न उपग्रहों ने कम दबाव प्रणालियों की निगरानी के लिए समुद्री क्षेत्रों में बादलों के बारे में आंकड़े एवं तस्वीरें मुहैया की.

विभाग ने चेन्नई, करिकल, मछलीपट्टनम, विशाखापत्तनम, गोपालपुर, पारादीप, कोलकाता, अगरतला में लगे अपने रडारों का भी उपयोग किया.

रमेश ने बताया कि फोनी के दस्तक देने से 12 घंटे पहले मौसम विभाग ने संबद्ध स्थानों पर हर आधे घंटे पर अपडेट दिए और इसके अलावा हर घंटे बुलेटिन भी जारी की.

गौरतलब है कि फोनी ने 27 अप्रैल को चक्रवात का रूप लिया. इसने आगे चलकर अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया और तीन मई को 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा तट पर दस्तक दी.


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