देश में ‘मोदी लहर’ नहीं बल्कि ‘मोदी कहर’: मीसा भारती
राजद नेता लालू यादव के परिवार में कलह की खबरों के बीच मीसा भारती का बयान सामने आया है. पाटिलपुत्र से सांसद मीसा ने कहा है कि उनके परिवार में कोई विवाद नहीं है, विपक्षी दल इसको लेकर भ्रम फैला रहे हैं.
मीसा ने एक इंटरव्यू में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में ‘मोदी लहर’ नहीं बल्कि ‘मोदी कहर’ है.
उन्होंने कहा,‘‘ पांच साल सरकार इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह चली और देशभक्ति की आड़ में नाकामी और मुद्दों को छिपाने का प्रयास हुआ. सरकार चाय, पकौड़े, चौकीदार, गाय, भगोड़े, भागीदार इन छह शब्दों में सिमटकर रह गई है.’’
तेजस्वी और तेजप्रताज के बीच मनमुटाव के सवाल पर उन्होंने कहा ,‘‘दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है. तेजप्रताप ने हमेशा छोटे भाई तेजस्वी को अपना अर्जुन बताया है. हो सकता है कि उन्होंने कुछ प्रत्याशियों का नाम सुझाया हो जिस पर पार्टी ने मिलकर निर्णय लिया हो या विचार-विमर्श चल रहा हो. यह सामान्य प्रक्रिया है और हर स्वस्थ राजनीतिक दल में ऐसा होता है.’’
उन्होंने कहा,‘‘ इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी के अंतिम निर्णय में वह साथ नहीं हैं. विपक्षी दल भ्रम फैलाकर खुश हो सकते हैं लेकिन जनता सच जानती है और चुनाव मुद्दों पर लड़े जाते हैं. राष्ट्रीय जनता दल पूरी ताकत से एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है.’’
पिछले चुनाव में राजद से बीजेपी में गए रामकृपाल यादव से हारी मीसा ने उन पर पाटलिपुत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया. कभी लालू यादव के करीबी रहे रामकृपाल ने 2014 में पाटलिपुत्र से टिकट नहीं मिलने पर राजद छोड़ी और बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में मीसा को 40322 वोट से हराया.
राज्यसभा सदस्य रही मीसा ने कहा ,‘‘ पांच साल में दावे तो बहुत किए गए लेकिन आरोप-प्रत्यारोप, सांप्रदायिकता, दंगे और ‘मॉब लिंचिंग’ के अलावा जनता को क्या मिला. पाटलिपुत्र में पिछले पांच साल में कुछ नहीं बदला. बेरोजगारी, पेयजल समस्या, कानून और व्यवस्था की बदतर स्थिति किसी से छिपी नहीं है.’’
लालूप्रसाद यादव के परिवार से मीसा अकेली लोकसभा चुनाव में उतरी हैं. यह पूछने पर कि क्या उन्हें पिता की कमी खल रही है, मीसा ने कहा,‘‘ लालूजी एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचारधारा हैं. किसी के शरीर को चारदीवारी में कैद कर सकते हैं, लेकिन विचारों को नहीं. लालूजी की कमी मुझे ही नहीं बल्कि हर नागरिक को खल रही है जिसकी आवाज जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति को देखकर दबाई जा रही है. जनता मतदान से अपना रोष जाहिर करेगी.’’