2023 तक पांच पुरुषों की तुलना में केवल एक महिला को मिलेगी नौकरी


till the year 2023 just 1 in 5 entrants to labour force a woman in the 15-30 years age bracket

 

वर्ष 2023 तक 15 से 30 साल की उम्र के पांच पुरुष की तुलना में सिर्फ एक महिला को नौकरी मिलने का अनुमान लगाया गया है. साल 2023 तक भारत के श्रम बाजार की जनसांख्यिकी चरम पर पहुंचने का अनुमान है.

राष्ट्रीय कौशल विकास कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के आंतरिक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि साल 2023 तक श्रम बल में 15 से 59 उम्र के 7 करोड़ लोग जुड़ेंगे. इनमें से 84.3 फीसदी यानी 5.9 करोड़ लोग 15 से 30 साल की उम्र के बीच के होंगे.

एनएसओ के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2017-18 में महिला श्रम बल की भागीदारी दर 15 साल और उससे अधिक वर्षों के लिए 23.3 फीसदी थी.

विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2019 में भारत की महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बहुत कम है. इसमें वियतनाम (73 फीसदी), चीन (61 फीसदी), सिंगापुर (60 फीसदी), बांग्लादेश (36 फीसदी) शामिल है. इसके अलावा लेबनान (24 फीसदी), पाकिस्तान (24 फीसदी), लीबिया (26 फीसदी), ट्यूनीशिया (24 फीसदी) और सूडान (24 फीसदी) जैसे देशों के अनुमानों के करीब है.

वैश्विक स्तर पर आंकड़ों से पता चलता है कि महिला श्रम बल की भागीदारी दर (15 साल और उससे अधिक) पिछले दशक की तुलना में धीरे-धीरे घट रही है. वर्ष 2009 में 49.09 फीसदी से घटकर वर्ष 2013 में 48.11 फीसदी और वर्ष 2019 में 47.66 फीसदी हो गई है.

एनएसडीसी के अनुसार  वर्ष 2019-23 के दौरान महिला श्रम बल की भागीदारी दर 20.1 फीसदी अनुमानित है जो पीएलएफएस के अनुसार वर्ष 2017-18 में 15 से 29 वर्ष की आयु के लिए अनुमानित 16.4 फीसदी से अधिक है.

एनएसडीसी के अनुमानों के अनुसार इन चार वर्षों के दौरान भर्ती होने वाले कुल युवा (15-30 वर्ष की आयु वाले) की आयु में से आधे 15 से 20 वर्ष आयु वर्ग से आने की उम्मीद है. वर्ष 2023 में अनुमानित भर्ती की संख्या बढ़कर 1.29 करोड़ हो जाने का अनुमान है.


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