ट्रंप ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर जताई चिंता, बताया दुनिया के लिए खतरा


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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह वामपंथी राष्ट्र दुनिया के लिए एक खतरा है. साथ ही उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों पर अमेरिका की बौद्धिक संपदा चोरी करने से चीन को नहीं रोकने का भी दोष मढ़ा जिसके जरिए उसने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया.

चीन ने सेना पर होने वाले खर्च को सात प्रतिशत बढ़ा कर 152 अरब डॉलर कर लिया है और उसका लक्ष्य विवादित दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के बढ़ते दबाव से निपटना है.

ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “निश्चित तौर पर चीन दुनिया के लिए इस मायने में खतरा है कि वे किसी की भी तुलना में बहुत तेजी से अपनी सेना बना रहे हैं और सच कहूं तो वे अमेरिकी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं.”

ट्रंप के साथ इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन भी मौजूद थे.

उन्होंने कहा कि उनसे पहले के अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने चीन को हर साल 500 अरब डॉलर या उससे ज्यादा की राशि लेने की इजाजत दी.

ट्रंप ने कहा, “उन्होंने चीन को हमारी बौद्धिक संपदा एवं संपत्ति अधिकारियों को चुराने की इजाजत दी और मैं ऐसा नहीं करने वाला हूं.”

राष्ट्रपति के अनुसार दोनों देश एक व्यापार सौदे को अंजाम देने के काफी करीब थे.

इस साल की शुरुआत में चीन के साथ व्यापार सौदे के अचानक समाप्त हो जाने का संदर्भ देते हुए उन्होंने आरोप लगाया, “ हमने बहुत करीब से काम किया, बौद्धिक संपदा से लेकर हर मुश्किल चीज पर चर्चा की गई और आखिरी क्षण में उन्होंने कहा कि वे इस पर सहमत नहीं हैं.”

वहीं अमेरिकी दौरे पर पहुं‍चे ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने चीन पर अलग नजरिया पेश किया.

मॉरीसन ने कहा, “हमारी चीन के साथ समग्र राजनीतिक साझेदारी है. हमारे चीन के साथ अच्छे रिश्ते हैं. लेकिन जैसा कि हमने कई बार कहा है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जैसे-जैसे देश विकास करते हैं और अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं, वे एक नए स्तर पर पहुंच जाते हैं और इसका अर्थ यह होता है कि उनके ऊपर कुछ खास नियम लागू होंगे.”


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