ट्रंप ने गोलन हाइट्स पर इजराइली कब्जे को आधिकारिक मान्यता दी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विवादित गोलन हाइट्स पर इजराइल की संप्रभुता को मान्यता देने से जुड़ी घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इजराइल ने 1967 में इस सीमावर्ती क्षेत्र को सीरिया से छीन लिया था.
व्हाइट हाउस में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ट्रंप ने कहा, “यह फैसला लेने में काफी समय लग गया.” अमेरिका के इस क्षेत्र पर इजरायल के नियंत्रण को मान्यता देने से दशकों से चली आ रही अंतरराष्ट्रीय सर्वसम्मति बाधित हुई है.
अमेरिका के इस कदम पर सीरिया ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. सीरिया ने कहा कि यह कदम उसकी संप्रभुता पर तीखा हमला है. उधर तुर्की ने भी इसे गलत बताया है. तुर्की ने इसे ट्रंप का नेतन्याहू को उपहार बताया है.
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना के अनुसार विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, “सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर एक तीखा हमला कर अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीरिया के गोलन क्षेत्र के विनाश को मान्यता दी है.”
उन्होंने कहा, “ट्रम्प के पास इस कब्जे को जायज ठहराने का अधिकार और कानूनी शक्ति नहीं है.’’
आलोचकों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रणनीतिक ‘गोलन हाइट्स’ पर इज़राइल की संप्रभुता को मान्यता देने के समय पर सवाल उठाए हैं. जब वहां कुछ सप्ताह में ही चुनाव होने वाले हैं.
आलोचकों ने इसे मुश्किलों में घिरे दोस्त की मदद करने के लिए इज़राइली चुनाव में हस्तक्षेप करने का अमेरिका का एक प्रयास करार दिया है.
गोलन हाइट्स सीरिया,इजराइल और जार्डन की सीमाओं से घिरा पठारी हिस्सा है. 18 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला ये क्षेत्र सामरिक रूप से ये काफी महत्वपूर्ण है. अभी इसके अधिकांश हिस्से पर इजराइल का कब्जा है.