ट्रंप ने अमेरिका को WTO से बाहर निकालने की धमकी दी


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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर शर्तों में सुधार नहीं हुआ तो वे अमेरिका को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकाल लेंगे.

पेन्सिलविनिया के शेल केमिकल प्लांट में मजदूरों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम डब्ल्यूटीओ छोड़ देंगे.”

उन्होंने आगे कहा कि हमें पता है कि वे सालों से हमारे साथ अन्याय कर रहे हैं, लेकिन अब ये और नहीं होगा.

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इससे पहले भी डब्ल्यूटीओ पर अमेरिका के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाकर संगठन से बाहर आने की बात कर चुके हैं. ट्रंप यह भी कह चुके हैं कि अमेरिका को डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार चलने की जरूरत नहीं है.

संस्था में शामिल होने के समय चीन को डब्ल्यूटीओ से प्राप्त शर्तों को लेकर ट्रंप ने विशेष तौर पर आलोचनात्मक रवैया अपनाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन द्वारा कथित तौर पर अमेरिकी तकनीकि की चोरी को लेकर डब्ल्यूटीओ ने कदम नहीं उठाए हैं.

लेकिन अमेरिका को लेकर संस्था द्वारा सुलझाए गए अधिकतर विवादों में फैसला अमेरिका के पक्ष में रहा है.

ट्रंप प्रशासन एक तरफ डब्ल्यूटीओ में प्रशासनिक सुधार की मांग कर रहा है और दूसरी तरफ प्रभावशाली तरीके से इसके कामकाज में बाधा पहुंचा रहा है.

संस्था के विवाद सुलझाने वाले निकाय के अपीलीय पैनल में नए सदस्यों के शामिल होने पर रोक लगने से यह साल के अंत तक कार्य करना बंद कर देगा. यह निकाय विवाद वाली परिस्थितियों में मध्यस्थ की भूमिका निभाता है.

पीटरसन इनस्टीट्यूट फॉर इंटररनेशनल इकॉनमिक्स से जुड़े व्यापार विशेषज्ञ चैड ब्राउन का कहना है कि डब्ल्यूटीओ को कमजोर करने के कदमों के दीर्घकालीन प्रभाव होंगे. इन सभी को आगे पलटा नहीं जा सकेगा.


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