स्टेट ऑफ दि यूनियन: ट्रंप के विरोधाभासी दावे


On Trump's alleged purchase statement, Greenland said - he is not for sale

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अमेरिकी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया. अमेरिका में इसे ‘स्टेट ऑफ दि यूनियन’ कहते हैं. ट्रंप ने अपने अभिभाषण में घरेलू मुद्दों से लेकर मैक्सिको दीवार, मध्य पूर्व और उत्तर कोरिया पर बात की.

इस दौरान ट्रंप ने लगभग उन्हीं बातों को दोहराया जो वो अक्सर बोलते रहते हैं. ट्रंप ने अपने शासन के दौरान विकास के दावों पर जमकर शेखी बघारी. सदन से लेकर बाहर तक ट्रंप के इस भाषण की जमकर आलोचना हो रही है. इस दौरान ट्रंप के दावों को तथ्यों से परे बताया जा रहा है. उनका भाषण सोशल मीडिया पर #SOTU के नाम से ये ट्रेंड कर रहा है.

संसद में कुछ महिला सदस्य विपक्षी डेमोक्रेटिक नेता अलेक्सेंड्रिया ओकैसियो के साथ विरोध स्वरूप सफेद पोशाक में आईं थी. इस दौरान अलेक्सेंड्रिया ने ग्वेटमाला के उस बच्चे की तस्वीर को अपनी पोशाक में लगा रखा था, जिसकी अमेरिकी हिरासत में मौत हो गई थी.

इस साल के स्टेट ऑफ दि यूनियन में पारंपरिक तौर के विपरीत संसद में बंटी हुई विचारधारा को साफ तौर पर देखा जा सकता था. ज्यादातर डेमोक्रेट नेताओं ने राष्ट्रपति के साथ एकता के नाम पर एक साथ खड़े होने से इनकार कर दिया.

डेमोक्रेटिक नेता और पिछले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी के दावेदार रहे बर्नी सैंडर्स ने भी ट्रंप के भाषण को आड़े हाथों लिया.

‘एजेंडा ऑफ अमेरिकन पीपुल’ से शुरुआत

ट्रंप ने कहा, “मैं जो एजेंडा पेश कर रहा हूं वो ना तो डेमोक्रेट का एजेंडा है और ना ही रिपब्लिकन का, ये एजेंडा अमेरिकी लोगों का हैं.” उन्होंने कहा कि विजय सिर्फ हमारी पार्टी की विजय नहीं है, बल्कि समूचे अमेरिका की जीत है. ट्रंप ने बदले की भावना से प्रेरित राजनीति से बचने की सलाह दी.

इस दौरान ट्रंप ने अपने दो साल के कार्यकाल का जमकर बखान किया. इस पर रिपब्लिकन पार्टी के लोगों ने खड़े होकर उनका समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने कार्यभार संभाला है अमेरिकी अर्थव्यवस्था लगभग दो गुनी रफ्तार से बढ़ रही है. ट्रंप ने अपने टैक्स सुधारों का भी जमकर बखान किया.

ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़े जादुई प्रगति पर हैं, बशर्ते इसे गैर-जरूरी युद्धों और फर्जी जांचों में ना उलझाया जाए. इस दौरान ट्रंप का इशारा ‘रॉबर्ट मूलर जांच’ की ओर था. ये जांच 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस की दखलंदाजी के लिए की जा रही है.

ट्रंप ने अर्थव्यस्था में सुधार की जो बातें की उन्हें भी बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. एशोसियट प्रेस (एपी) ने ट्रंप के भाषण के लिए फैक्ट चेक रिपोर्ट पेश की है. एपी के मुताबिक अर्थव्यस्था बेहतर है इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन ये कहना कि यह अपने सबसे अच्छे दौर में है, गलत होगा. एपी के मुताबिक 80 के दशक में अर्थव्यस्था 7.2 फीसदी के उच्च स्तर तक जा चुकी है.

मैक्सिको दीवार का राग दोहराया

ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस से एक बार फिर से आग्रह किया कि मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए फंड जारी किया जाए. इससे पहले बीती जनवरी तक लगातार 35 दिनों तक अमेरिका शटडाउन की स्थिति में रहा, जबकि फंड की मांग के चलते ट्रंप ने सरकारी खर्च के लिए धन जारी करने वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था.

ट्रंप ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सीमा पर दीवार बनाएं. इससे नशे के व्यापार, मानव तस्करी पर रोक लगाई जा सकेगी.”
ट्रंप ने कहा कि गैरकानूनी प्रवास पर रोक लगाना बहुत जरूरी है, ये ऐसा मुद्दा है जिसे टाला नहीं जा सकता.

एपी के आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ सालों से मैक्सिको की ओर से गैर कानूनी आवाजाही में लगातार कमी आई है. इससे साफ है कि ट्रंप जिस तरह से दीवार को जरूरी बता रहे हैं, उतना है नहीं. संसद इसे फिजूलखर्ची बताती रही है.

किम जोंग उन से शिखर वार्ता

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के साथ दूसरे स्तर की शिखर वार्ता होगी. उन्होंने कहा, “अगर मैं अमेरिका का राष्ट्रपति ना बना होता तो उत्तर कोरिया से युद्ध तय था.” ट्रंप ने ये भी कहा कि इस मुद्दे पर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि किम के साथ उनके रिश्ते बहुत अच्छे हैं.

ट्रंप ने इस दौरान जानकारी दी कि वे आगामी 27-28 फरवरी को वियतनाम में किम से मुलाकात करेंगे.

अगर हम संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट को ध्यान में रखकर बात करें तो ट्रंप का ये बयान भी हवाबाजी ही नजर आता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम अब भी जारी है.

विवादित मध्यपूर्व नीति पर भी की बात

डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यपूर्व नीति पर बात करते हुए कहा कि हमने इस क्षेत्र में सात ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं. मैंने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनते ही इस बात पर जोर दिया कि महान देश लंबे युद्ध नहीं लड़ते.

उन्होंने दावा किया कि हमने ईराक और सीरिया को आतंकवादी संगठनों से आजाद कराया है. ट्रंप ने कहा कि सीरिया और अफगानिस्तान से सेना की वापसी के फैसले का उनकी पार्टी के कुछ लोगों ने ही विरोध किया था.

18 सालों से जारी अफगानिस्तान युद्ध पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि हम इस युद्ध को खत्म करना चाहते हैं. इसके लिए हमारा प्रशासन तालिबान से बातचीत कर रहा है.

ट्रंप का ये बयान भी खोखला है, इसमें तथ्यों का भी गलत इस्तेमाल किया गया है. ईराक युद्ध 2003 से चल रहा है और अफगानिस्तान में 2001 से युद्धरत है. उन्होंने जिस मध्य पूर्व की बात की ईराक जरूर उसका हिस्सा है, लेकिन अफगानिस्तान एशिया में है.

ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि उनके शासनकाल में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिले हैं. उन्होंने अफ्रीकी, एशिया मूल और महिलाओं का जिक्र किया. लेकिन आंंकड़े से साफ तौर पर जाहिर होता है कि इन तीनों वर्गों में रोजगार के वितरण में लगातार कमी आ रही है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल 20 जनवरी को ‘स्टेट ऑफ दि यूनियन’ का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस बार शटडाउन के चलते ये देर से हुआ. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करता है.


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