अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: तुलसी गबार्ड का चुनावी शंखनाद
भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद तुलसी गबार्ड ने अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है. गबार्ड ने अपने अभियान की शुरुआत अपने गृह राज्य हवाई (hawaii) से की है.
अपने अभियान के शुरुआती भाषण में उन्होंने अमेरिकी नेताओं की विदेश नीति को सवालों के घेरे में खड़ा किया. गबार्ड ने ‘वक्त के प्रवाह को युद्ध से शांति की ओर मोड़ने’ की बात कही.
तुलसी गबार्ड राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी की रेस में हैं. इससे पहले वे हवाई से चार बार अमेरिकी संसद की सदस्य रह चुकी हैं. गबार्ड ने अपने भाषण में राजनेताओं पर गलत विदेश नीति के चलते देश को युद्धों में फंसाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “हमें दोनों दलों के ताकतवर नेताओं के विरोध में एकजुट होना चाहिए, ये ऐसे लोग हैं जिनको विशेषाधिकार मिला हुआ है. ये लाभ के लिए नए युद्धों की तलाश में रहते हैं और लोगों के मरने के लिए नई-नई जगहें खोजते हैं.”
गबार्ड ने कहा कि इस तरह की नीति के चलते अरबों डॉलर बर्बाद हो चुके हैं, हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को दांव पर रख दिया गया है. मध्य वर्ग को बर्बाद किया जा रहा है.
गबार्ड ने कहा कि ये ताकतवर नेता हमारे शहीदों और उनके परिवारों का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने युद्ध की असली कीमत चुकाई है.
37 वर्षीय तुलसी गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी के उन चुने हुए नेताओं में से हैं, जिन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन की जगह बर्नी सेंडर्स का समर्थन किया था. इसके चलते उन्हें डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
कमला हैरिस हो सकती हैं पहली डेमोक्रेट अश्वेत महिला उम्मीदवार
तुलसी गबार्ड अमेरिकी इतिहास में सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि रह चुकी हैं. जब वो पहली बार निर्वाचित हुई थी उस वक्त उनकी उम्र महज 21 साल थी.
डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी की लड़ाई में तुलसी गबार्ड को एक अन्य भारतीय मूल की उम्मीदवार कमला हैरिस से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है.