चीन: ट्विटर ने सरकारी मीडिया संस्थाओं से आने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाई


indian govt asked twitter to take down 8 accounts

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ट्विटर ने एलान किया कि वह अब राज्य-नियंत्रित समाचार मीडिया संस्थाओं के विज्ञापनों को स्वीकार नहीं करेगा, हालांकि नए नियमों से  प्रभावित अकाउंट अभी भी नियमित उपयोगकर्ताओं के रूप में ट्विटर उपयोग कर सकते हैं.

नई नीति का एलान फेसबुक द्वारा जारी की गई सूचना के बाद हुआ, उन्होंने जानकारी जारी करते हुए कहा कि चीन से चलाए जा रहे एक गुप्त सोशल मीडिया अभियान ने हॉगकांग में चल रहे प्रदर्शनों को कमजोर करने की कोशिश की है.

ट्विटर ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि हम स्वस्थ और खुली बातचीत करना चाहते हैं. हमारा मानना है,”आपके द्वारा चुने जाने वाले एकाउंट्स के साथ बातचीत और ट्विटर में विज्ञापनदाताओं से देखी गई चीजों में अंतर होता है.

कंपनी ने साफ किया कि नई नीति केवल समाचार मीडिया संस्थाओं पर लागू होगी जो की वित्तीय या सम्पादकीय रूप से राज्य द्वारा नियंत्रित है. इसमें स्वत्रंत सार्वजानिक प्रसारकों सहित वित्त पोषित संस्थाएं शामिल नहीं हैं.

ट्विटर ने अपने बयान में किसी चीनी संस्थाओं का नाम नहीं लिया है, लेकिन कंपनी द्वारा 900 ट्विटर एकाउंट्स के नेटवर्क की पहचान करने के बाद यह खबर प्रकाशित हुई. हॉगकांग में जानबूझकर राजनीतिक कलह बोने का प्रयास किया जा रहा है.

कुछ ट्विटर अकाउंट धारकों ने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की तुलना कोकक्रोच और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से की. फिलहाल आपत्तिजनक खतों को ट्विटर और फेसबुक से हटा लिया गया है.

बजफीड न्यूज और अन्य समाचारों के बाद यह भी सामने आया कि चीन द्वारा संचालित मीडिया ट्विटर और फेसबुक पर विज्ञापन खरीद रहे थे. जिन्होंने विरोध प्रदर्शनों को नकारात्मक रूप से चित्रित किया.

ऐसा पहली बार हुआ है जब कि टेक कम्पनियों ने एक गुप्त सोशल मीडिया अभियान के खिलाफ उंगली उठाई है. लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पूरे ग्याराह सप्ताह तक पूरे हॉगकांग में जनसंपर्क किया.

ड्रीम न्यूज शीर्षक वाले अकाउंट ने प्रदर्शनकारियों के बारे में ट्वीट किया, “हमें हॉगकांग में कट्टरपंथी लोग नहीं चाहिए”

कई भाषाओं पोस्ट किए गए अकाउंट से अमेरिकी के लोगों को भी निशाना बनाया गया. दस साल पहले स्थापित किए गए ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया गया, अमेरिका और बाहर से आने वाली रुढ़िवादी खबरें जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थन किया गया.

ट्विटर ने कुछ नेटवर्क की पहचान की है और उनकी जानकारी फेसबुक के साथ शेयर की है. फेसबुक ने लगभग दर्जन से उपर फेसबुक पेज और ग्रुप की पहचान की जो इससे जुड़े थे.

हालांकि इस गतिविधि के पीछे के लोगों ने अपनी पहचान छुपाने का प्रयास किया, लेकिन जांच में चीनी सरकार से जुड़े व्यक्तियों के लिंक पाए गए.

ट्विटर ने कहा कि क्योंकि चीन में ट्विटर को ब्लॉक कर दिया गया है इसलिए कई ट्विटर अकाउंट को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए का उपयोग किए जा रहे हैं.

अशांति फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने में चीन अकेला नहीं है. गुप्त सोशल मीडिया अभियान में रूस और ईरान का नाम भी आता रहा है.


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