वार्ता के जरिए कश्मीर मुद्दा सुलझाए भारत और पाकिस्तान: संयुक्त राष्ट्र महासचिव


it's important to prevent the dangers for statelessness after changes in citizenship laws

 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से स्थितियों के बिगड़ने की आशंका को टालने के मकसद से कश्मीर मुद्दे को वार्ता के जरिए सुलझाने की अपील की है. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) में दोनों देशों का विवाद चल रहा है.

जिनेवा में 10 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 42 वें सत्र में भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के अपने ‘‘संप्रभु निर्णय’’ को आंतरिक मामला बताया. हालांकि पाकिस्तान ने इसे एक गैरकानूनी कृत्य करार देते हुए विश्व मानवाधिकार निकाय से इस मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है.

विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया है.

सिंह ने कहा कि अन्य कानूनों की तरह यह एक संप्रभु निर्णय है, जो पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है. कोई भी देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता है और भारत तो बिल्कुल भी नहीं.

उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को गलत करार दिया और ‘‘राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद’’ की निंदा की.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने 10 सितंबर को होने वाले नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के नेताओं से बात की थी.

गुतारेस ने पिछले महीने फ्रांस के बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी उन्होंने बात की थी.

नौ सितंबर को गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी की ओर से कश्मीर मुद्दे पर किए गए आग्रह के कारण उनसे भी मुलाकात की थी.

दुजारिक ने कहा, ‘‘सार्वजनिक और निजी तौर पर सबके लिए उनका एक ही संदेश है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी स्थितियों के बिगड़ने की आशंका को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने दोनों देशों से वार्ता के जरिए मुद्दा सुलझाने की अपील की है.’’


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