तिब्बत में विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध


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चीन ने तिब्बत विद्रोह के 60 साल पूरे होने के मद्देनजर तिब्बत में विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. तिब्बत में 60 साल पहले चीनी शासन के खिलाफ लोगों ने विद्रोह कर दिया था.

ट्रैवल एजेंसियों के मुताबिक विदेशी पर्यटकों को एक अप्रैल तक तिब्बत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध कब आरंभ हुआ था.  हालांकि कुछ निगरानी समूहों ने बताया कि यह इसी महीने शुरू हुआ है.

गौरतलब है कि चीनी शासन के खिलाफ 10 मार्च 1956 को हुए तिब्बती विद्रोह के 60 साल पूरे होने वाले हैं. इसके बाद करीब पांच दशक बाद मार्च 2008 में ल्हासा में लोगों का गुस्सा फूटा. सरकार के विरोध में प्रदर्शन हुए. इस दौरान दंगे में कई लोग मारे गए थे.

साल 1956 में हुए इसी विद्रोह की वजह से बढ़ते संघर्ष को लेकर साल 1959 में दलाईलामा को भारत में निर्वासित होना पड़ा. इस घटना के बाद से तिब्बत पर चीनी शासन पूरी तरह से थोप दिया गया.

चीन दलाई लामा को एक खतरनाक अलगाववादी नेता मानता है. इसके साथ ही वह दावा करता है कि तिब्बत करीब सात सौ साल से उसका हिस्सा है.

इसी सिलसिले में विदेशी पर्यटकों की यात्रा पर प्रतिबंध हर साल लगता है. इस दफा विद्रोह की 60वीं बरसी होने के मद्देनजर विशेष तौर पर यह प्रतिबंध लगाया गया है.

इसके लिए तिब्बत पत्रकारों और राजनयिकों के लिए लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. ऐसे में वहां वास्तविक हालात का पता करना बेहद मुश्किल है.


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