अमेरिका और तालिबान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए


us and taliban sign peace agreement

 

अफगानिस्तान में पिछले 18 साल से चले आ रहे युद्ध को खत्म करने के उद्देश्य से अमेरिका और तालिबान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए.

शांति समझौते पर हस्ताक्षर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिक वापस बुलाने के उनके एक मुख्य चुनावी वादे को पूरा करने में मदद प्रदान कर सकता है. इस समझौते के तहत अमेरिका अफगानिस्तान से अपने हजारों सैनिकों को वापस बुलाना शुरू करेगा, इसके बदले में तालिबान को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी हमलों के लिए होने से रोकना होगा.

यदि तालिबान यह वादा निभाने में कामयाब हो जाता है तो अमेरिका 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिक वापस बुला लेगा. तालिबान को आतंकी संगठन अल-कायदा से अपने सभी संबंध तोड़ने का भी वादा निभाना होगा.

अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला था. इस आतंकी हमले के लिए तालिबान ने ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा की मदद की थी.

अमेरिकी फौजों के मोर्चा खोलने के एक महीने के भीतर तालिबान का प्रभाव कम हो गया और ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा के मुख्य उग्रवादी पाकिस्तान चले गए. इसके बाद भी अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान में बनी रहीं. बाद में तालिबान ने फिर से खुद को संगठित किया और आज भी अफगानिस्तान में उसका प्रभाव है.


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