अनुच्छेद 370: कश्मीर में घटनाक्रम पर अमेरिका की नजर, ब्रिटेन ने जताई चिंता
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष राज्य के दर्जे को हटा देने के फैसले पर जहां ब्रिटेन ने चिंता जाहिर की वहीं दूसरी ओर अमेरिका क्षेत्र में बदलते घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है.
पाकिस्तान द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के फैसले के कुछ घंटों बाद अमेरिका ने कहा कि वो कश्मीर के संबंध में भारत सरकार के फैसलों पर लगातार नजर बनाए हुए है. अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका जम्मू-कश्मीर को नए क्षेत्रीय दर्जे और इस संबंध में बने विधेयक पर लगातार नजर बनाए हुए है. इस कदम से सीमाओं पर पड़ने वाले प्रभाव और क्षेत्र में बढ़ी अस्थिरता पर भी हमारी दृष्टि है.”
साथ ही जम्मू-कश्मीर में नजरबंदी की खबरों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ”हम नजरबंदी और जम्मू-कश्मीर निवासियों पर जारी प्रतिबंध संबंधी खबरों को लेकर चिंतित हैं.”
इससे पहले कल ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दक्षिण एशिया के घटनाक्रम को लेकर एक सवाल के जवाब में पीटीआई से कहा कि तनाव को घटाने और संभावित सैन्य बढ़ोतरी को टालने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की तत्काल जरूरत है.
वहीं ब्रिटेन ने बुधवार को कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत सरकार के निर्णय पर अपनी चिंता से उसे अवगत करा दिया है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात की है और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने के प्रस्ताव के संबंध में इस सप्ताह की शुरुआत में की गई घोषणों पर भारत के रुख को समझा. उन्होंने कहा,‘‘हमने स्थिति पर अपनी कुछ चिंताएं व्यक्त की हैं और शांति की बात की है लेकिन भारत सरकार के दृष्टिकोण से भी स्थिति को समझा.’’
इससे पहले के बयान में विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) के एक प्रवक्ता ने कहा था ब्रिटेन स्थिति पर नजदीक से नजर रख रहा है और स्थिति को शांत रखने की मांग का समर्थन करता है.
ब्रिटेन की संसद इस मुद्दे पर बंटी हुई है. कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ के कुछ सदस्यों ने चिंता व्यक्त की तो कुछ ने भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया है.